B.A. History Notes 1st Year Rajsthan University Unit 1 2024
प्रश्न 57. भारत में स्थित सिन्धु सभ्यता के चार प्रमुख केन्द्र बताइए।
उत्तर - (1) कालीबंगा, (2) लोथल, (3) राखीगढ़ी, (4) बणावली
58. सिन्धु सभ्यता के चार स्थान बताइए जहाँ से अग्नि वेदिकाएँ प्राप्त हुई है।
उत्तर- फालीबंगा, लोथल, बणावली, राखीगढ़ी आदि की खुदाई से अनेक अग्नि वेदिकाएँ प्राप्त हुई हैं।
प्रश्न 59. सिन्धु सभ्यता के किस स्थल से जुते हुए खेत के साक्ष्य पाए गए थे?
उत्तर- कालीबंगा से जुते हुए खेत के साक्ष्य पाए गए थे। कालीबंगा राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है।
प्रश्न 60. हड़प्पा सभ्यता के उस स्थल का नाम बताए जहाँ से स्टेडियम के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
उत्तर- धौलावीरा।
प्रश्न 61. धौलावीरा।
उत्तर- सिन्धु सभ्यता का प्रमुख पुरास्थल धौलाधीरा, गुजरात के कमल जिले के गवाह तालुका में स्थित है। यहां से अनेक जलाशय, एक विशाल स्टेडियम्, प्राचीर द्वार पाषाण खण्ड, पाषाण स्तम्भ आदि मिले हैं।
प्रश्न 62. राजस्थान में अखनित दो सैन्धव पुरास्थलों के नाम लिखिए।
उत्तर (1) कालीबंगा,(2) बालाथल।
प्रश्न 63. हड़प्पा संस्कृति के काल में दो प्रमुख व्यापारिक केन्द्रों के नाम् लिखिए।
उत्तर- (1) चन्हूदड़ो, (2) लोथल।
प्रश्न 64. धौलावीरा पुरास्थल किस सभ्यता से सम्बन्धित है और यह कहाँ स्थित है?
उत्तर- धौलावीरा पुरास्थल सिन्धु घाटी सभ्यता से सम्बन्धित है और यह स्थल भारत के
गुजरात राज्य के कच्छ जिले के मचाऊ तालुका में स्थित है।
प्रश्न 65. सिन्धु घाटी सभ्यता से प्राप्त प्रसिद्ध नर्तकी की प्रतिमा किस स्थान से मिली तथा वह किस धातु से बनी हुई है?
उत्तर- नर्तकी की प्रतिमा मोहनजोदड़ो से मिली तथा वह काँसे की बनी हुई है।
प्रश्न 66. हड़प्पा संस्कृति के पतन के कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- (1) प्राकृतिक तत्त्वों की प्रतिकूलता के कारण। (2) भूकम्प अथवा किन्हों अग भूतात्विक परिवर्तनों के कारण। (3) नदियों के प्रवाह मार्ग में परिवर्तन के कारण।
(4) बाहरी तत्वों के आक्रमण के कारण।
प्रश्न 67. गुजरात के किन्हीं चार सैन्धव स्थलों के नाम लिखिए।
उत्तर- रंगपुर, लोथल, सुरकोतदा, तथा रोजदि।
प्रश्न 68. लोथल।
उत्तर- गुजरात राज्य में स्थित लोथल सिन्धु सभ्यता का महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र था। वाँ व्यावसायिक गोदी के भग्नावशेष मिले हैं।
प्रश्न 69. पशुपति की मुहर पर अंकित पशुओं के नाम लिखिए।
उत्तर- पशुपति की मुहर पर हाथों, व्याघ्र, भैंसा, गैंडा एवं हिरण पशु ऑकत हैं।
प्रश्न 70. हड़प्पा में खुदाई का कार्य किसके नेतृत्व में और कब किया गया ?
उत्तर- हड़प्पा में खुदाई का कार्य 1920 ई. में श्री दयाराम साहनी तथा माधोस्वरूप कस के नेतृत्व में किया गया।
प्रश्न 71. सिन्धु सभ्यता को 'हड़प्पा संस्कृति' के नाम से क्यों पुकारा जाता है?
उत्तर- सिन्धु सभ्यता को 'हड़प्पा संस्कृति' के नाम से भी पुकारा जाता है क्योंकि हड़प्या
नगर और उसके आस पास का क्षेत्र इस सभ्यता का केन्द्र स्थान रहा था। प्रश्न 72. मोहनजोदड़ों में खुदाई का कार्य किसके नेतृत्व में और कब किया गया ?
उत्तर- 1922 ई. में राखलदास बनों के नेतृत्व में मोहनजोदड़ों में खुदाई का कार्य किया गया। यहाँ सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए। यह पुरास्थल पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के लरकाना जिले में स्थित है।
प्रश्न 73. सिन्धु-निवासी किन वृक्षों एवं पशुओं की उपासना करते थे ?
उत्तर- सिन्धु-निवासी पीपल, तुलसी, नीम, खजूर, बबूल आदि वृक्षों तथा बैल, भैंस, भैंसा, बाघ, हाथी, नाग आदि पशुओं को उपासना करते थे।
प्रश्न 74. सिन्धु प्रदेश में किनकी कृषि की जाती थी ?
उत्तर- सिन्धु प्रदेश में गेहूँ, जी, चावल, कपास, मटर, तिल आदि की कृषि की जाती थी।
प्रश्न 75. सिन्धु-निवासियों के मनोरंजन के प्रमुख साधन कौन-कौन से थे ?
उत्तर- शिकार करना, शतरंज खेलना, संगीत-नृत्य में भाग लेना, पक्षियों को लड़ाना आदि सिन्धु निवासियों के मनोरंजन के प्रमुख साधन थे। प्रश्न 76. सिन्धु सभ्यता का कौन-कौन सी समकालीन सभ्यताओं से सम्बन्ध था ?
उत्तर- सिन्धु सभ्यता का मेसोपोटामिया, एलाम, क्रोट, मिस्र आदि से व्यापारिक एवं सांस्कृतिक सम्बन्ध था।
प्रश्न 77. सिन्धु निवासियों के व्यापारिक सम्बन्ध किन देशों या राष्ट्रों के साथ थे?
उत्तर- सिन्धु निवासियों के सुमेरिया, ईरान, अफगानिस्तान, मिस्र आदि से व्यापारिक सम्बन्ध थे।
प्रश्न 78. हड़प्पा सभ्यता की चार प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- (1) आर्थिक जीवन समृद्ध था। (2) उनको लिपि का ज्ञान था। (3) यह नगरीय प्रधान सभ्यता थी। (4) पाषाण तथा काँसे के उपकरणों का प्रयोग।
प्रश्न 79. सिन्धु क्षेत्र के प्रमुख देवता कौन थे?
उत्तर- सिन्धु निवासी शिव, मातृदेवी, लिंगयोनि, समुद्र, वृक्षों आदि की पूजा करते थे।
प्रश्न 80. सिन्धु सभ्यता की लिपि किस प्रकार लिखी गई थी?
उत्तर- सिन्धु सभ्यता की लिपि पहली पंक्ति में दाहिनी ओर से बांयी ओर लिखी जाती थी तथा दूसरी पंक्ति बांयी ओर से लिखी जाती थी।
प्रश्न 81. सिंधु-सभ्यता और वैदिक सभ्यता में कोई दो अंतरात्मा बताएं।
उत्तर- (i) सिन्धु सभ्यता नगरीय एवं व्यापार प्रधान थी, जबकि वैदिक सभ्यता ग्रामीण थी। (ii) सिन्धु निवासी लोहे से अपरिचित थे, जबकि आर्य लोहे से परिचित थे।
प्रश्न 82. सिन्धु घाटी की सभ्यता का विस्तार क्षेत्र बताइए।
उत्तर- सिन्धु घाटी की सभ्यता का विस्तार अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, सिन्ध, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात एवं उत्तरी भारत में गंगा घाटी तक व्याप्त था।
प्रश्न 83. सिन्धु सभ्यता को 'सिन्धु घाटी की सभ्यता' के नाम से क्यों जाना जाता है?
उत्तर- क्योंकि इस सभ्यता के अधिकांश भग्नावशेष सिन्धु नदी और उसकी सहायक नदियों की घाटियों में प्राप्त हुए हैं।
प्रश्न 84. 'त्रयी'
उत्तर- त्रयी से तापमान तीन वेदों ऋग्वेद, यजुर्वेद तथा सामवेद से है।
प्रश्न 85. 'पणि'
उत्तर - ऋग्वैदिककाल में व्यापार पर एकाधिकार ' पणि' वर्ग के लोगों के हाथों में था। विद्वान के अनुसार 'पणि' सम्भवतः अनार्यों में से थे जो कि कृपणता के लिए प्रसिद्ध
प्रश्न 86. 'सप्त सैन्धव' प्रदेश की सात नदियों के नाम लिखिए।
उत्तर- 'सप्त सैन्धव' प्रदेश की सात नदियों के नाम हैं सिन्धु, वितस्ता (झेलम), (चिनाब), परुष्णी (रानी), विपासा (व्यास), शतुद्रि (सतलज) और सरम्य
प्रश्न 87. वैदिक देवताओं की अवधारणा।
उत्तर- आर्थों ने देवी-देवताओं की परिकल्पना मानव रूप में ही की। उनके देवता अमा तथा ऋत (नैतिक व्यवस्था) के पोषक थे।
प्रश्न 88. 'अध्वर्यु' और 'उद्गाता' कौन थे?
उत्तर- 'अध्वर्यु' व 'उद्गाता' उत्तरवैदिक काल में यज्ञों को सम्पन्न करने वाले पुरोहितं; चार वर्गों में शामिल वर्ग थे। ये यज्ञों का अनुष्ठान कराने वाले पुरोहित थे।
प्रश्न 89. ऋग्वैदिक व उत्तरवैदिक काल में दो अन्तर बताइए।
उत्तर- (1) ऋग्वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति बहुत अच्छी थी, परन्तु उत्तरवैदिक में स्त्रियों की स्थिति में गिरावट आ गई थी। (2) ऋग्वैदिक काल में इन्द्र, ऑन वरुण जबकि उत्तरवैदिक काल में शिव, विष्णु और प्रजापति की पूजा की जाती थे
प्रश्न 90. वैदिककालीन प्रमुख देवताओं के नाम बताइए।
उत्तर- वैदिककालीन देवताओं में वरुण, सूर्य, अग्नि, इन्द्र, द्यौस, विष्णु, सविता, अदिरि सोम, उषा, मरूत, रूद्र आदि प्रमुख है। प्रश्न 91. उन वैदिक देवताओं के नाम लिखिए जिनका उल्लेख 1400 ई.पू. के आसपास
के बोगजकोई अभिलेख में हुआ है। उत्तर- 1400 ई.पू. के आसपास के बोगजकोई अभिलेख में निम्न वैदिक देवताओं के नाम का उल्लेख है-वरुण, मित्र, इन्द्र और नासत्य।
प्रश्न 92. पूर्व-वैदिकधर्म की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।.
उत्तर- पूर्व-वैदिक आर्य प्राकृतिक शक्तियों के उपासक थे। वे एकेश्वरवाद और परम तत्व में विश्वास करते थे। वरुण, अग्नि, सूर्य, विष्णु, इन्द्र आदि उनके प्रमुख देवता थे।
प्रश्न 93. पुरुषार्थों पर बीस शब्द लिखिए।
उत्तर- प्राचीन हिन्दू शास्त्रकारों ने मनुष्य तथा समाज की उन्नति के लिए चार पुरुषार्थों का विधान प्रस्तुत किया। पुरुषार्थ चार हैं-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।
प्रश्न 94. 'ऋत' शब्द से आप क्या समझते हैं? अथवा 'ऋत्' की अवधारणा बताइए।
उत्तर- वैदिककालीन आर्य ऋत को विश्वव्यापी नियम (नैतिक व्यवस्था) मानते थे जिसके अनुसार आचरण करना प्रत्येक आर्य का परम कर्त्तव्य था। आर्यों के देवता भी ऋत् (नैतिक व्यवस्था) के पोषक थे।
प्रश्न 95. उन चार प्रकार के ग्रन्थों का नामोल्लेख कीजिए जो वैदिक साहित्य के अन्तर्गत समाहित होते हैं ।
उत्तर- (1) ऋग्वेद, (2) सामवेद, (3) यजुर्वेद, (4) अथर्ववेद।
प्रश्न 109. उत्तर-वैदिककालीन प्रमुख जनपदों के नाम लिखिए।
उत्तर- उत्तर वैदिककालीन प्रमुख जनपद कुरु, पांचाल, विदेह गान्धार काशी. अवन्ति, अश्मक, राष्ट्र, मूलक, कौशल इत्यादि थे।
प्रश्न 110. रत्निन कौन थे ?
उत्तर वैदिक काल में राजा के महत्त्वपूर्ण पदाधिकारियों को रश्मिन' कहा जाता था।
प्रश्न 111. उत्तर-वैदिक काल में पंच महायज्ञ कौन-कौन से थे ? अथवा उत्तर-
उत्तर- (1) ब्रह्म यज्ञ, (2) देव यज्ञ। (3) पितृ यज्ञ, (4) अतिथि यज्ञ, तथा भूत यज्ञ ।
प्रश्न112. उत्तर-वैदिक काल में किन तीन ऋणों की कामना की गई थी ?
उत्तर- 1) पितृ ऋण (2) देव ऋण, तथा (3) ऋषि ऋण।
प्रश्न 113. लौह युग का प्रारम्भ कब से माना जाता है?
उत्तर- 1100 ई. पूर्व में जब लोहे को निकाला गया, पिघलाया गया और उसकी वस्तुएँ चन् गई तब लौह युग प्रारम्भ हुआ।
प्रश्न 114. भारत में लोहा कौनसी संस्कृति से सम्बद्ध रहा ?
उत्तर- भारत में लोहा पेन्टेन्ड ग्रे बेअर संरकृति, काला और लाल पात्र संस्कृति, मध संस्कृति से सम्बद्ध रहा है।
प्रश्न 115. भारत में लौहयुगीन संस्कृति के अवशेष कहाँ से प्राप्त हुए हैं?
उत्तर- अहिच्छत्र, अन्तरजीखेडा, आलमगीरपुर, मथुरा, रोपड़, श्रावस्ती, काम्पिल्य आदि स्थानों की खुदाई से लौहयुगीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
प्रश्न 116. तत्कालीन लौह-युगीन संस्कृति के लोग जिस विशिष्ट बर्तन का प्रयोग करते थे, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर- चित्रित धूसर भांड।
प्रश्न 117. महाभिनिष्क्रमण ।
उत्तर- महात्मा बुद्ध द्वारा ज्ञान की खोज हेतु राजमहल, अपनी पत्नी, पुत्र आदि को छोड़कर निकल पड़ने की घटना 'महाभिनिष्क्रमण' के नाम से जानी जाती है।
प्रश्न 118. हीनयान और महायान।
उत्तर- चतुर्थ बौद्ध संगीति के बाद बौद्ध धर्म दो भागों में विभक्त हो गया। हीनयान इस धर्म का प्रारम्भिक स्वरूप था जबकि नवीन सम्प्रदाय अर्थात् महायान समय और परिस्थिति के अनुसार बदला हुआ स्वरूप था।
प्रश्न 119. हीनयान व महायान में दो मूलभूत अन्तर।
उत्तर- (1) हीनयान मतावलम्बी केवल अपने मोक्ष की कामना करते हैं, जबकि महायान सभी के मोक्ष के बाद अपने मोक्ष की कामना करते हैं। (2) हीनयान मतावलम्बी केवल बुद्ध के धार्मिक सिद्धान्तों में विश्वास करते हैं, जबकि महायान मतावलम्बी बुद्ध और बोधिसत्वों के धार्मिक सिद्धान्तों में विश्वास करते हैं।
प्रश्न 120. अनेकान्तवाद ।
उत्तर- जैनियों का अनेकान्तवाद वह सिद्धान्त है जो विश्व की समस्त वस्तुओं में दो प्रकार के विरोधी तत्त्वों को स्वीकार करता है, जैसे आकाश नित्य भी है और अनित्य भी। इस सिद्धान्त के अनुसार किसी भी मत को पूर्ण मिथ्या नहीं कहा जा सकता है।
प्रश्न 121. स्यादवाद ।
उत्तर एक ही दृष्टिकोण को सही न मानकर सभी दृष्टिकोणों में सत्य गानने को ही 'स्यादवाद' कहते है।
प्रश्न 122. 'सम्बोधि' से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर गौतम बुद्ध ने वैशाख पूर्णिमा के दिन वटवृक्ष के नीचे संत्रोधि (निर्वाण) प्राप्त की थी। आज उसे बोधिवृक्ष कहते है जो कि बिहार के गया में स्थित है।
प्रश्न 123. बौद्ध धर्म में 'धर्म चक्र प्रवर्तन'।
उत्तर- ज्ञान प्राप्ति के पश्चात महात्मा बुद्ध ने अपने पाँच साथियों को सर्वप्रथम उपदेश देकर अपना अनुयायी बना लिया। यह घटना 'धर्म चक्र प्रवर्तन' के नाम से जानी जाती है।
प्रश्न 124. सोलह महाजनपदों के नाम लिखिए।
उत्तर- सोलहं महाजनपद अंग, मगध, काशी, कोसल, वज्जि, मल्ल, चेदि, वत्स, कुरु,पांचाल, मत्स्य, सूरसेन, अश्यक, अवन्ति, गान्धार, कम्बोज।
प्रश्न 125. किन्हीं चार महाजनपदों के नाम उनकी राजधानियों सहित लिखिए।
उत्तर- (1) अवन्ति-महिष्मती, (2) कोसल श्रावस्ती.
(3) मगध राजगृह. (4) वत्स कौशाम्बी।
प्रश्न 126. बौद्ध धर्म की चार संगीतियाँ क्रमशः किन स्थानों पर हुई ?
उत्तर- (1) प्रथम- राजगृह, (2) द्वितीय- वैशाली, (3) तृतीय- पाटलिपुत्र, तथा (4) चौथी कुण्डलवन काश्मीर) में हुई थी।
प्रश्न 127. तक्षशिला विश्वविद्यालय के विषय में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर- तक्षशिला विश्वविद्यालय ज्ञान और विद्या का एक प्रसिद्ध केन्द्र था। यहाँ वेद, व्याकरण, दर्शन, आयुर्वेद तथा 18 शिल्पों की शिक्षा दी जाती थी।
प्रश्न 128. महात्मा बुद्ध की प्रमुख शिक्षाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- (1) चार आर्य सत्य, (2) अष्टांगिक मार्ग, (3) मध्यमा प्रतिपदा, (4) दस शील.(5) कर्मवाद, (6) पुनर्जन्मवाद, (7) कार्य कारण सम्बन्ध,(8) निर्वाण,(9) आत्मावलम्बन, (10) विशिष्ट समुत्पाद, (11) क्षणिकवाद।
प्रश्न 129. उन चार स्थानों के नाम बताइए जो भगवान बुद्ध की विशिष्ट घटनाओं से सम्बन्धित थे।
उत्तर- (1) लुम्बिनी, (2) बोधगया, (3) ऋपिपत्तन, (4) कुशीनारा (कुशीनगर)।
प्रश्न 130. संवर व निर्जरा।
उत्तर- जैन धर्म के अनुसार नए कर्मों के आगमन की प्रक्रिया (राग-द्वेष) को रोकना हो संवर है जबकि पूर्व संचित कर्मों के विनाश की प्रक्रिया को निर्जरा कहते हैं।
प्रश्न 131. जैन धर्म में निर्जरा क्या है ?
उत्तर- जैन धर्म में पूर्व संचित कर्मों के विनाश की प्रक्रिया को निर्जरा कहते हैं।
प्रश्न 132. जैन धर्म में संवर का क्या अर्थ है ?
उत्तर- जैन धर्म में संवर का अर्थ है राग द्वेष पर रोक लगाना। कर्मों के आगमन की प्रक्रिया को रोकना ही संवर है।
प्रश्न 133. जैन धर्म की मुख्य शिक्षाएँ क्या हैं?
उत्तर- (1) त्रिरत्न (सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान, सम्यक् चरित्र), (2) पाँच अणुव्रत या महाव्रत (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपिरग्रह, ब्रह्मचर्य) (3) सात शील व्रत (4) अनेकान्तवाद अथवा स्यादवाद, (5) तपस्या और उपवास।
प्रश्न 134. अंग महाजनपद की राजधानी कहाँ पर थी ?
उत्तर- अंगमहाजनपद की राजधानी चम्पा थी जो चम्पा और गंगा के संगम पर बसी हुई थी।
प्रश्न 135. परिसा से क्या आशय था ?
उत्तर- परिसा गणराज्य की मुख्य संस्था होती थी। यह वर्तमान लोकसभा के सदृश थी।
प्रश्न 136. कहाँ एवं किस शासक के समय में द्वितीय बौद्ध संगीति हुई थी ?
उत्तर- वैशाली में कालाशोक के समय में द्वितीय बौद्ध संगीति हुई थी।
प्रश्न 137. बौद्ध समितियाँ किस उद्देश्य से बुलाई जाती थीं ?
उत्तर- महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं को संग्रहित करने, बौद्ध संघ की व्यवस्था करने तथा बी के पारस्परिक मतभेदों को दूर करने के उद्देश्य से बौद्ध समितियाँ बुलाई जाती थे।
प्रश्न 138. बौद्ध धर्म के त्रिरत्न बताइए। किस अभिलेख में इनका उल्लेख हुआ है?
उत्तर- बौद्ध धर्म के त्रिरत्न हैं- (1) बुद्ध, (2) धर्म, (3) संघ। बौद्ध धर्म के त्रिसनों का उल्लेख अशोक के भाबू अभिलेख में हुआ है।
प्रश्न 139. अष्टांगिक मार्ग क्या है?
उत्तर- दुःख का निवारण करने के लिए महात्मा बुद्ध ने आठ उपाय बताए हैं जिन्हें अष्टांगिक मार्ग के नाम से पुकारा जाता है। अष्टांगिक मार्ग का अनुसरण करते हुए निर्वाण प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 140. अष्टांग मार्ग के नाम बताइए।
उत्तर- अष्टांग मार्ग के आठ अंग (1) सम्यक् दृष्टि, (2) सम्यक् संकल्प, (3) सम्यक् वाणी, (4) सम्यक् कर्मान्त, (5) सम्यक् आजीव, (6) सम्यक् प्रयाल, (7) सम्यक् स्मृति, तथा (8) सम्यक् समाधि हैं।
प्रश्न 141. महात्मा बुद्ध के समसामयिक मगध के दो शासकों के नाम बताइए।
उत्तर- (1) बिम्बिसार, (2) अजातशत्रु ।
प्रश्न 142. प्राचीन भारत में गणराज्यों के पतन के लिए उत्तरदायी दो कारण लिखिए।
उत्तर- (1) गणराज्यों में आपसी एकता का अभाव था। उनमें आपसी ईर्ष्या-द्वेष रहता था। (2) गुटबन्दी के कारण विभिन्न दलों के नेता गणराज्यों के हितों की उपेक्षा करते थे और अपने व्यक्तिगत हित्तों की पूर्ति में लगे रहते थे।
प्रश्न 143. छठी शताब्दी ई. पूर्व में वत्स की राजधानी क्या थी ?
उत्तर- छठी शताब्दी ई. पूर्व में वत्स की राजधानी कौशाम्बी थी।
प्रश्न 144. महाजनपदों का उल्लेख किस बौद्ध ग्रन्थ में मिलता है ?
...................अथवा............
कौन से बौद्ध ग्रन्थ में सोलह महाजनपदों की सूची मिलती है?
उत्तर- अंगुत्तरनिकाय नामक बौद्ध ग्रन्थ में।
प्रश्न 145. राजस्थान में कौनसा महाजनपद स्थित था? इसकी राजधानी कौनसी थी ?
उत्तर- राजस्थान में मत्स्य महाजनपद स्थित था। इसकी राजधानी विराटनगर थी।
प्रश्न 146. बुद्धकालीन प्रमुख राजतंत्र । उत्तर- अंग, मगध, काशी, कोशल, वत्स, मत्स्य, शूरसेन, अवन्ति, गान्धार, चेदि, अश्मक
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