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समाजशास्त्र: 

बी.ए. सामाजिक विज्ञान 

नोट्स हिंदी में

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प्रश्न 1. समाजशास्त्र का अर्थ बताएं।


उत्तर- समाजशास्त्र वह विज्ञान है जो सामाजिक संबंधों का अध्ययन करता है और संबंधों को समझने के लिए सामाजिक क्रिया, सामाजिक अंतःक्रिया और सामाजिक विचारधारा को आवश्यक मानता है।


प्रश्न 2. समाज-दर्शन का मूल उद्देश्य क्या है?


उत्तर- समाजशास्त्र के निष्कर्षों का समन्वय, सामाजिक आदर्शों और सिद्धांतों की झलक, समाजशास्त्रों के ईसाइयों का विचार, मानव समाज को सर्वांगीण दृष्टि में विचारना और मानव समाज के विविध दृष्टिकोण को एकता के सूत्र में रखना ही समाज-दर्शन के मूल उद्देश्य हैं।


प्रश्न 3. दर्शन का अर्थ बताएं।


उत्तर- दर्शन, वैयक्तिक वस्तु, उनके ध्येय एवं प्रकृति के संबंध में प्राचीन विचार तथा ईश्वर, ब्रह्माण्ड एवं आत्मा के रहस्य एवं उनके साक्षात् सम्बन्धों पर प्रकाश दर्शन होते हैं।


प्रश्न 4. समाज दर्शन के पहलू (पक्ष) बताइये।


उत्तर- समाज दर्शन के दो सिद्धांत हैं- (i) समन्वयवादी या आलोचनात्मक सिद्धांत, (ii) समीक्षात्मक या आलोचनात्मक सिद्धांत।


प्रश्न 5. समाज दर्शन के समन्वय से क्या कार्य है?


उत्तर-संगठन या समेकित समतावादी संप्रदायों के सामुहिक संबंध की खोज करता है। सामाजिक मूल्य निर्धारण की वैधता की परख और सामाजिक विज्ञान द्वारा निकाले गए निष्कर्षों को मानव के चरम लक्ष्य के सन्दर्भ में देखा जाता है।


प्रश्न 6. समीक्षात्मक या आलोचनात्मक आलोचकों को परिभाषित करें।


उत्तर- जिन्सबर्ग के, "वह सामाजिक विज्ञान द्वारा निर्धारित प्रत्ययों, धारणाओं, सिद्धांतों या पूर्व ईसाइयों का विश्लेषण करता है, जिन पर वे आधारित हैं और उनकी वास्तविकता के रूप में समीक्षा जांच और व्याख्या व्याख्याएं हैं।"


प्रश्न 7. समाज-दर्शन एवं समाजशास्त्र में अंत्यांश बताएं।


उत्तर- समाजशास्त्र के ढांचे, सामाजिक कार्य, सामाजिक संबंध इत्यादि के बारे में अध्ययन किया जाता है। इसके विपरीत समाज-दर्शन में मानव मनोविज्ञान का अध्ययन किया जाता है।


प्रश्न 8. भारत में समाजशास्त्र का औपचारिक रूप कब से माना जाता है 


उत्तर. भारत में समाजशास्त्र का संवैधानिक रूप 1919 से माना जाता है।


प्रश्न9. भारत में समाजशास्त्र के अध्ययन की महत्वपूर्ण समझ।


उत्तर समाजशास्त्र हमें ग्रामीण उद्यमों को इशारा और ग्रामीण विकास में बाधक बच्चों को इशारा करने में सहायता प्रदान करता है। यह विभिन्न उपायों और सुझावों द्वारा, रीति-रिवाजों और रूढ़ियों को व्यवस्थित करने में सहायता करता है।


प्रश्न 10. 'इंडियन सोशल लॉजिकल सोसायटी' की स्थापना क्या है?


उत्तर- 'इंडियन सोशियो लॉजिकल सोसाइटी' की स्थापना जी. एस. घुरीये ने की थी।


प्रश्न 11. 'समाजशास्त्र' शब्द किन दो शब्दों से मिलकर बना है?


उत्तर पहला शब्द 'सोशियस' लैटिन भाषा का है जिसका अर्थ समाज है तथा दूसरा स 'लोगस' ग्रीक भाषा से लिया है जिसका तात्पर्य शास्त्र है।


प्रश्न 12. समाजशास्त्र क्या है?


उत्तर- समाजशास्त्र समाज का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।


प्रश्न 13. समाजशास्त्र के प्रथम भारतीय विद्वान कौन है ?


उत्तर- समाजशास्त्र के प्रथम भारतीय विद्वान प्रोफेसर राधाकमल मुखर्जी है।


प्रश्न 14. 'ह्वाट इज सोशियोलोजी' के लेखक कौन है ? 


उत्तर 'ह्वाट इन सोशियोलोजी' के लेखक एलेक्स डंकन्स है।


प्रश्न 15. उत्तर भारत में समाजशास्त्र के विकास की कोई दो प्रवृत्तियाँ लिखिए।


उत्तर (1) पाश्चात्य परम्परा से प्रभावितः (2) परम्परागत भारतीय चिन्तन से प्रभावित


प्रश्न 16. राधाकमल मुकर्जी की कोई दो पुस्तकों के नाम लिखिए।


उत्तर (1) सोशियल इकोलॉजी, एवं (2) दि सोशियल स्ट्रक्चर ऑफ वैल्यूज।


प्रश्न 17. डॉ. डी.पी. मुखर्जी की कोई दो पुस्तकों के नाम लिखिए।


उत्तर (1) दि फिलोसॉफी ऑफ सोशल साइंसेज, (2) दि डायवर्सिटीज।


उत्तर- प्रश्न 18. समाजशास्त्र के जन्मदाता कौन थे ?


उत्तर- नवीन विज्ञान के रूप में समाजशास्त्र के जन्मदाता आगस्ट काम्टे थे। विज्ञानों पुनर्वर्गीकरण के चिन्तन में आपके क्रान्तिकारी मस्तिष्क ने 'समाजशास्त्र जन्म दिया।


प्रश्न 19. कोई दो अति प्राचीन सामाजिक विचारकों के नाम बताइए।


उत्तर प्लेटो तथा अरस्तू अति प्राचीन विचारक माने जाते हैं।


प्रश्न 20. कुछ आधुनिक सामाजिक विचारकों के नाम बताइए।


उत्तर- काम्टे, स्पेन्सर, दुर्खीम, वेब्लन, मार्क्स, परेटो आदि आधुनिक विचारक है।


प्रश्न 21. सामाजिक विचारकों के इतिहास को विभिन्न कालों में विभाजित कीजिए


उत्तर- (1) आदि काल, (2) प्राचीन काल, (3) मध्य काल, (4) पूर्व-आधुनिक काल तथा (5) आधुनिक काल।


प्रश्न 22. समाजशास्त्र की उत्पत्ति का श्रेय किसे दिया जाता है?


उत्तर- समाजशास्त्र को उत्पत्ति का श्रेय फ्रांस के दार्शनिक आगस्ट काम्टे को दिया जाता है।है जिन्होंने सन् 1838 में समाज के इस नवीन विज्ञान को 'समाजशास्त्र' नाम दिया।


प्रश्न 25. समाजशास्त्र के विकास की प्रथम अवस्था कहाँ से प्रारम्भ हुई ?


उत्तर। समाजशास्त्र के विकास की प्रथम अवस्था यूरोप से प्रारम्भ हुई।


सर्वप्रथम अमेरिका के कौनसे विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र का अध्ययन प्रारम्भ हुआ ?


सर्वप्रथम अमेरिका के गेल विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के अध्ययन का कार्य प्रारभ हुआ।


प्राचीन भारत में समाजशास्त्र का विकास कब से प्रारम्भ माना जाता है?


वैदिक काल में ही भारत में समाजशास्त्र के विकास की परम्परा प्रारम्भ हो चुकी थी। 


प्रश्न 26. सामाजिक जीवन के बारे में व्यवस्थित ढंग से सोचने का प्रयास किन यूनानी दार्शनिकों को जाता है ?


सामाजिक जीवन के बारे में व्यवस्थित ढंग से सोचने का प्रयास यूरोप के यूनानी दार्शनिक प्लेटो और उसके शिष्य अरस्तू को जाता है।


प्रश्न 27. आगस्ट काम्टे के समाज से सम्बन्धित अध्ययन को सर्वप्रथम किस नाम से जाना गया था ?


उत्तर आगस्ट काम्टे के समाज से सम्बन्धित अध्ययन को सर्वप्रथम सामाजिक भौतिकी (Social Physics) के नाम से जाना गया। 



प्रश्न 28. इंग्लैण्ड को समाजशास्त्र शब्द से किसने परिचित करवाया था ?


उत्तर सन् 1843 में जान स्टुअर्ट मिल ने इंग्लैण्ड को समाजशास्त्र शब्द से परिचित करवाया था।


प्रश्न 29. सन् 1914 से 1947 तक का काल भारत में समाजशास्त्र का कौनसा युग माना जाता है? 


उत्तर सन् 1914 से 1947 तक का काल भारत में समाजशास्त्र का औपचारिक प्रतिस्थापन युग कहा जाता है।


अश्न 30. भारत में सर्वप्रथम किस विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र का अध्ययन प्रारम्भ हुआ ?


उत्तर भारत में सर्वप्रथम सन् 1914 में मुम्बई विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर समाजशास्त्र का अध्ययन कार्य प्रारम्भ हुआ।


प्रश्न 31. कब व किसकी अध्यक्षता में मुम्बई विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र की स्थापना हुई ?


उत्तर सन् 1919 में ब्रिटिश समाजशास्त्री प्रो. पैट्रिक गेडिस की अध्यक्षता में मुम्बई विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की स्थापना हुई।


प्रश्न 32. किन समाजशास्त्रियों ने समाजशास्त्र को समाज का अध्ययन के रूप में परिभाषित किया है?


उत्तर गिडिंग्स, समनर, वार्ड, ओडम आदि ने समाजशास्त्र को समाज का अध्ययन के रूप में परिभाषित किया है।


प्रश्न 33. काम्टे द्वारा दिया गया समाजशास्त्र का प्रथम नाम बताइए।


उत्तर काम्टे ने समाजशास्त्र का प्रथम नाम 'सामाजिक भौतिकी' (Social Physics) दिया था। इसके अन्तर्गत उन्होंने सामाजिक घटनाओं के वैज्ञानिक अध्ययन पर विशेष बल दिया था।


प्रश्न 34. समाजशास्त्र के विकास में किन-किन विद्वानों ने अपना योगदान दिया? 


उत्तर- समाजशास्त्र के विकास में चार आदि प्रवर्तकों ने अपना योगदान दिया। इनमें ऑगस्ट कॉम्ट, इमाइल दुर्खीम, मैक्स वेबर और हरबर्ट स्पेंसर प्रमुख हैं। इनको समाजशास्त्र के संस्थापक की श्रेणी में रखा जाता है।


प्रश्न 35. ऑगस्त कॉम्ट ने समाजशास्त्र के उद्भव और विकास में क्या योगदान दिया?


उत्तर- ऑगस्त कॉम्ट ने एक व्यवस्थित विज्ञान के रूप में समाजशास्त्र की स्थापना 19वीं शताब्दी में यूरोप में की थी। उसने सामाजिक जीवन और सामाजिक घटनाओं के बारे में व्यवस्थित विचार दिए। उन्होंने ही सबसे पहले सामाजिक घटनाओं के लिए वैज्ञानिक विधि का प्रयोग किया था। उन्होंने अवलोकन, परीक्षण तथा वर्गीकरण को सामाजिक घटनाओं के अध्ययन की पद्धति का अंग बनाया।


प्रश्न 36. सामाजिक दर्शनशास्त्र क्या है ?


उत्तर- एक सामाजिक प्राणी के रूप में मानव द्वारा सामाजिक समस्याओं के बारे में सोच- विचार करना तथा उनके सम्बन्ध में सोच-विचार कर निष्कर्ष निकालना ही 'सामाजिक दर्शनशास्त्र' कहलाता है।


प्रश्न 37. दुर्खीम का समाजशास्त्र के उद्भव और विकास में क्या योगदान रहा है? 


उत्तर कॉम्ट का उत्तराधिकारी दुर्खीम को ही माना जाता है। ऑगस्त कॉम्ट ने जिम्न विषय की नींव रखी, दुर्खीम ने उसे वैज्ञानिक धरातल प्रदान किया तथा समाजशास्त्रीय अध्ययनों में वैज्ञानिक विधि के प्रयोग पर बल दिया। दुर्खीम ने ही समाजशास्त्र को ठोस वैज्ञानिक अध्ययन पद्धति एवं व्यवस्थित विषय-वस्तु प्रदान की। उसने समाजशास्त्र को एक पृथक् विज्ञान के रूप में प्रतिष्ठित किया।


प्रश्न 38. समाजशास्त्र के उद्भव और विकास में मैक्स वेबर के योगदान को इंगित कीजिए।


उत्तर- समाज और सामाजिक घटनाओं के बारे में मैक्स वेबर के विचार और दृष्टिकोण ने समाजशास्त्र को एक नई दिशा दी। मैक्स वेबर ने समाजशास्त्र को एक ऐसे विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जो सामाजिक क्रियाओं का अर्थपूर्ण बोध कराता है। इसके साथ ही आपने यह माना है कि समाज सामाजिक अन्तः क्रियाओं की ही अर्थपूर्ण अभिव्यक्ति है।


प्रश्न 39. समाजशास्त्र के विकास में हरबर्ट स्पेंसर का योगदान लिखिए।


उत्तर- हरबर्ट स्पेंसर ने समाजशास्त्र के विकास में सक्रिय योगदान दिया। उन्होंने अपनो रचना 'प्रिंसिपल्स ऑफ सोशियोलॉजी' में कॉम्ट के विचारों को मूर्त रूप दिया। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध रचना सावयवी सिद्धांत में समाज की तुलना मानव शरीर से की है।


प्रश्न 40. भारत में समाजशास्त्र के विकास और पुरातनपंथी टिप्पणियाँ पढ़ें।


उत्तर- भारत में समाजशास्त्र के विकास में योगदान देने वाले विद्वान डॉ. राधाकमल मुकर्जी, श्रीमती इरावती कर्वे, एम.एन. श्रीनिवास, जी.एस.सी. घुरीये, डॉ. डी.पीमुकर्जी आदि का विशेष योगदान रहा है। भारत में सबसे पहले सुपरमार्केट विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र का अध्ययनकर्ता हुआ। उसके बाद कोलकाता, लखनऊ और पूना के विश्वविद्यालयों में इसके अध्ययनकर्ता का कार्य हुआ। समाजशास्त्र के प्रथम प्रोफेसर राधाकमल मुकर्जी को बनाया गया था। पश्चिमी और भारतीय अलगाव का समन्वय करके समाजशास्त्र के विकास में योगदान दिया।


प्रश्न 41. भारत में समाजशास्त्र के विकास की प्रवृत्तियों का उल्लेख किया गया है। 


उत्तर- भारत में समाजशास्त्र के विकास का इतिहास बहुत छोटा होने के कारण इसमें नये-नये विचारों का प्रतिपादन हो रहा है। एक और कुछ विद्वान ऐसे हैं जो पूरी तरह से पश्चिमी सिद्धांतों के आधार पर भारत में समाजशास्त्र का विकास करना चाहते हैं जबकि दूसरी ओर कई विद्वान वे हैं, जो पूरी तरह से पश्चिमी सिद्धांतों के आधार पर भारत में समाजशास्त्र का विकास करना चाहते हैं; जबकि तीसरा सिद्धांत के अनुसार समाजशास्त्र का विकास भारतीय पश्चिमी संप्रदाय का समन्वय होना चाहिए।



प्रश्न 42. प्रथम संप्रदाय के परिजन ने पश्चिमी समाजों के आधार पर समाजशास्त्र के विकास का समर्थन किया है?


उत्तर- पश्चिमी समाजों के आधार पर समाजशास्त्र के विकास की प्रथम विचारधारा का समर्थन हटन, मजूमदार, डॉ. के. एम. कपाड़िया, जी.एस.सी. घुरिये आदि विद्वानों ने किया।


प्रश्न43. द्वितीय संप्रदाय के नाते-रिश्तेदार विद्वान ने समाजशास्त्र का विकास भारतीय संस्कृति के आधार पर करने का समर्थन किया है?


उत्तर- डॉ. कुमारस्वामी, डॉ. भगवानदास, प्रोफेसर ए.के. सरन, प्रोफेसर नागेन्द्र, प्रोफेसर नर्मदेश्वर प्रसाद आदि ने समाजशास्त्र के विकास के दूसरे सिद्धांत का समर्थन किया और भारतीय संस्कृति के अनुसार समाजशास्त्र के विकास पर बल दिया।


प्रश्न 44. समाज के विकास की तीसरी कड़ी, पश्चिमी और भारतीय संस्कृति के समन्वय पर बल दिया गया।


उत्तर-- समाजशास्त्र के विकास का तीसरा भाग डॉ. राधाकमल मुकर्जी और डी.पी. मुकर्जी ने किया है. डॉ. आर. एन. सक्सेना भी इसी तरह के अलगाव के समर्थक रहे हैं। इस बात में उल्लेख किया गया है कि समाजशास्त्र के विकास के लिए भारतीय और पश्चिमी दोनों देशों में एक ही गुट के बीच समन्वय स्थापित करना चाहिए।


प्रश्न 45. प्राचीन भारत में समाजशास्त्र की स्थिति क्या थी?


उत्तर- प्राचीन भारत में सामाजिक वैदिक वैदिक काल की सामाजिक व्यवस्था से ही अनुकरण किया जा रहा है। उस समय की वर्ण व्यवस्था, जाति व्यवस्था का वर्णन इस बात का उल्लेख है कि भारत में सामाजिक अध्ययन प्राचीनकाल घटित हो रहा है।



Series Continue 😊



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