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प्रश्न 1. सिन्धु घाटी सभ्यता को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है?
उत्तर- सिन्धु घाटी सभ्यता को 'हड़प्पा संस्कृति' के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न 2. हड़प्पा सभ्यता का भौगोलिक क्षेत्र बताइए।
उत्तर- हड़प्पा सभ्यता का विस्तार पूर्व से पश्चिम में 1,600 किलोमीटर तथा उत्त से दक्षिण में 1,100 किलोमीटर क्षेत्र में था।
प्रश्न 3. मुर्दों का टीला किस स्थान को कहा जाता है?
उत्तर- मुर्दों का टीला मोहनजोदड़ो को कहा जाता है।
प्रश्न 4. वेद शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर- 'वेद' शब्द संस्कृत भाषा के 'विद' शब्द से बना है, जिसका अर्थ है 'ज्ञान होना'। यह विद् धातु से बना है तथा इसका अर्थ है- जानना।
प्रश्न 5. पंचम वेद किसे माना जाता है?
उत्तर- पंचम वेद 'महाभारत' को माना जाता है।
प्रश्न 6. श्रुति।
उत्तर- वेदों का पठन-पाठन मौखिक रूप में होता था। शिष्य को इनका ज्ञान सुनकर होता
था, अतः उन्हें 'श्रुति' कहा गया।
प्रश्न 7. स्वामी दयानन्द सरस्वती ने आर्यों का मूल निवास स्थान क्या बताया है?
उत्तर- स्वामी दयानन्द सरस्वती ने आर्यों का मूल निवास स्थान तिब्बत प्रदेश बताया है।
प्रश्न 8. हर्षचरित की रचना किसने की थी ?
उत्तर- हर्षचरित की रचना महाकवि बाण ने की थी। बाण की दूसरी कृति कादम्बिनी भी प्रसिद्ध है।
प्रश्न 9. सारनाथ।
उत्तर- अशोक द्वारा निर्मित स्तूपों में सारनाथ का पाषाण स्तम्भ प्रसिद्ध है। इसके ऊपर चार शेरों की मूर्तियाँ बनी हुई है।
प्रश्न 10. पुरातात्विक स्रोत ।
उत्तर- इतिहास के निर्माण में पुरातात्विक स्रोतों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। पुरातात्विक स्रोतों काफी प्रामाणिक होते हैं। पुरातत्व सामग्री है- (1) अभिलेख, (३) सिक्के, (iii) मुहरें, (iv) कलाकृतियाँ, (v) स्मारक, (vi) मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि।
प्रश्न 11. स्रोत।
उत्तर- स्रोत से अभिप्राय उन साधनों से है जो प्राचीन इतिहास को जानने में सहायता देते हैं। सोतों का अध्ययन करके ही हम प्रामाणिक इतिहास की सामग्री को जुटा पाते हैं।
प्रश्न 12. स्त्रोत इतिहास लिखने में कैसे सहायक होते हैं? कतिपय उदाहरण दीजिए।
उत्तर- स्रोतों की सहायता से ही प्राचीन इतिहास लिखा जा सकता है क्योंकि इन स्रोतों से प्राचीन इतिहास की अनेक विस्मृत घटनाओं की जानकारी प्राप्त होती है। जैसे अशोक के अभिलेखों से उसके 'धम्म' की जानकारी प्राप्त होती है।
प्रश्न 13. हिस्टोरिका
उत्तर- 'हिस्टोरिका' नामक पुस्तक यूनानी लेखक हेरोडोटस ने पाँचवीं सदी ई. पू. में लिखी थी। इस पुस्तक से पश्चिमोत्तर भारत की राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलती है।
प्रश्न 14. तारानाथ।
उत्तर- तिब्बती इतिहासकार लामा तारानाथ के वर्णन से गुंग राजवंश पर जानकारी प्राप्त होता है। तारानाथ ने 'कंग्यूर' और 'संग्पूर' नामक दो ग्रन्थों की रचना की।
प्रश्न 15. अभिलेखों के किन्हीं चार वर्ग (प्रकार) का नामोल्लेख कीजिए। उत्तर- अभिलेखों के चार वर्ग हैं- गुहा-लेख, शिलालेख, स्तम्भ-लेख, तथा ताम्रपत्र लेख।
प्रश्न 16. प्राचीनकाल में भारत आने वाले चीनी यात्रियों के नाम लिखिए।
उत्तर- प्राचीनकाल में भारत आने वाले चीनी यात्रियों में फाह्यान, हेनसांग व इत्सिंग का
नाम प्रमुख है।
प्रश्न 17. 'डेनसांग'।
उत्तर- 'डेनसांग' एक चीनी यात्री एवं लेखक था जो हर्षवर्धन के समय में भारत आया। उसने भारत के सुदूर दक्षिण के भाग को छोड़कर शेष प्रत्येक भाग का विवरण अपने ग्रन्थ 'सी-यू-को' में दिया है। वह लगभग 15 वर्ष तक भारत में रहा।
प्रश्न 18. डेनसांग के यात्रा-वर्णन का ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्व बताइए।
उत्तर- डेनसांग के यात्रा-वर्णन से हर्षकालीन राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक अवस्थाओं के बारे में जानकारी मिलती है।
प्रश्न 19. प्राचीन भारत के सम्बन्ध में ऐतिहासिक जानकारी देने वाले चार यूनानी लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर- मेगस्थनीज, डीमेकस, स्ट्रेंबो, प्लिनी, एरियन, पेट्रोक्लीज आदि।
प्रश्न 20. 'उपनिषद्' शब्द का अर्थ बताइए।
उत्तर- उपनिषद शब्द से तात्पर्य अध्यात्म विद्या या ब्रह्म विद्या से है। उपनिषद गुरु से मिला रहस्य।
प्रश्न 21. उपनिषद् कितने हैं? चार के नाम बताइए।
उत्तर- उपनिषदों की संख्या लगभग 108 है। ईशावास्य, केन, कठ, मुंडक आदि प्रमुख उपनिषद हैं।
प्रश्न 22. प्रमुख उपनिषदों के नाम बताइए।
उत्तर- प्रमुख उपनिषद है ईशावास्य, केन, कठ, प्रश्न, मुण्ठक, माण्डुक्य, ऐतरेय, तैओिर स्वेताश्वर, छान्दोग्य, बृहदारण्यक एवं कौषितकी।
प्रश्न 23. उपनिषदों में कौन-कौन से विषयों का वर्णन किया गया है?
उत्तर- उपनिषदों में ब्रह्मा, आत्मा, मोक्ष, सृष्टि, जन्म मरण आदि विषयों का वर्णन किया गग्या है।
प्रश्न 24. उपनिषदों का ऐतिहासिक महत्त्व बताइए।
उत्तर- उपनिषदों में हमें आयों के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनीतिक जीवन के बारे में जानकारी मिलती है।
प्रश्न 25. पुराण कितने हैं? इनमें से किन्हीं चार के नाम लिखिए।
उत्तर- पुराणों की संख्या 18 है। चार प्रमुख पुराणों के नाम हैं (1) विष्णु पुराण, (2) नारद पुराण, (3) भागवत पुराण, तथा (4) बराह पुराण।
प्रश्न 26. संहिता किसे कहते हैं? उनके नाम लिखिए।
उत्तर संहिता वेदों को कहते हैं। उनके नाम हैं ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद एवं अथर्ववेद।
प्रश्न 27. आहत सिक्के या आहत मुद्राएँ।
उत्तर- भारत के प्राचीनतम सिक्के आहत या पंचमार्क सिक्के कहलाते हैं। ये अधिकांशतः चाँदी के टुकड़े हैं जिन पर विविध आकृतियाँ उत्कीर्ण हैं।
प्रश्न 28. प्रमुख संस्कृत बौद्ध ग्रंथों के नाम लिखिए।
उत्तर- महावस्तु, ललित विस्तार, दिव्यावदान, आर्यमंजुश्रीमूलकल्प, बुद्धचरित, सौदरानन्द ।
प्रश्न 29. न्यूमिसमेटिक्स व एपिग्राफी क्या हैं?
उत्तर- न्यूमिसमेटिक्स को मुद्राशास्त्र कहा जाता है। एपिग्राफी को पुरालेख कहा जाता है। न्यूमिसमेटिक्स व एपिग्राफी से प्राचीन इतिहास जानने में मदद मिलती है।
प्रश्न 30. 'पृथ्वीराज रासो' के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर- चन्दबरदाई द्वारा रचित यह ग्रन्थ दिल्ली तथा अजमेर के राजा पृथ्वीराज के शासनकाल की घटनाओं का उल्लेख करता है।
प्रश्न 31. बिजौलिया शिलालेख का क्या महत्त्व है?
उत्तर- बिजौलिया शिलालेख (1170 ई.) से सांभर और अजमेर के चौहान वंश के शासकों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी मिलती है।
प्रश्न 32. त्रिपिटक क्या हैं? उनके नाम लिखिए।
उत्तर- बौद्धों के धार्मिक सिद्धान्त मुख्यतः त्रिपिटक ग्रन्थों में संग्रहित हैं। ये तीन हैं
विनयपिटक, सुत्तपिटक और अभिधम्मपिटक। प्रश्न 33. 'त्रिपिटक' के नाम व उनके विषय के बारे में बताइए।
उत्तर- (1) विनयपिटक में बौद्ध भिक्षु भिक्षुणियों के संघ तथा उनके दैनिक जीवन सम्बन्धो आचार विचार, (2) सुत्तपिटक में बौद्ध धर्म के उपदेश, सिद्धान्त आदि का विवेचन, (3) अभिधम्मपिटक में बौद्ध धर्म के सिद्धान्तों और दर्शन को विवेचना है।
प्रश्न 34. मिलिन्दपन्हो के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर- बौद्ध साहित्य एवं दर्शन के इतिहास को जानने के लिए मिलिन्दपन्हों एक अत्यन्त हो महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसको रचना नागसेन ने की।
प्रश्न 35. वेद क्या है? वेदों के प्रकार बताते हुए उनके नाम लिखिए।
उत्तर- वेद आर्यों के वैदिक साहित्य के नादिग्रन्थ हैं। इन्हें' श्रुति' भी कहा जाना है। वेदों के चार प्रकार हैं (1) ऋग्वेद, 2) सामवेद, (3) यजुर्वेद एवं (4) अथर्ववेद।
प्रश्न 36. ब्राह्मण धर्म के प्रमुख ग्रन्थों के नाम लिखिए।
उत्तर- वेद, ब्राह्मण, आख्यक, उपनिषद, वेदांग, सूत्रग्रन्थ, स्मृतियाँ, महाकाव्य और पुराण ब्राह्मण धर्म के प्रमुख ग्रन्थ हैं।
प्रश्न 37. वेदांग कितने हैं? उनके नाम लिखिए।
वेदांग छः हैं- (1) शिक्षा, (2) कल्प, (3) व्याकरण, (4) निरुक्त, (5) छन्द एवं (6) ज्योतिष
प्रश्न 38. किस प्राचीन भारतीय ग्रंथ को 'शतसाहस्त्री संहिता' कहा जाता है?
उत्तर- महाभारत को 'शतसहस्त्री संहिता' कहा जाता है।
प्रश्न 39. जातक ग्रन्थों के ऐतिहासिक महत्व की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- जातक ग्रन्थों में महात्मा बुद्ध के पूर्व जन्म की कहानियाँ दी गई हैं। इनसे बौद्धकालीन भारत की सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक दशा की जानकारी मिलती है।
प्रश्न 40. अर्थशास्त्र का ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्व बताइए।
उत्तर- 'अर्थशास्त्र' के रचयिता कौटिल्य अथवा चाणक्य थे। इस ग्रन्थ में मौर्यकालीन शासन-व्यवस्था, सामाजिक अवस्था, आर्थिक अवस्था एवं धार्मिक अवस्था के बारे में जानकारी मिलती है।
प्रश्न 41. मेगस्थनीज कौन था ?
उत्तर- मेगस्थनीज यूनानी शासक सेल्यूकस के राजदूत के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था। उसने 'इण्डिका' नामक पुस्तक लिखी। इससे चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन प्रबन्ध के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होती है।
प्रश्न 42. 'इन्दिका' लिखी गयी? या इण्डिका।
उत्तर- 'इण्डिका' नामक पुस्तक की रचना मेगस्थनीज ने की थी। यह पुस्तक मौर्यकालीन
इतिहास जानने का प्रमुख स्रोत है।
प्रश्न 43. राजतरंगिणी के रचयिता कौन थे? इसकी क्या महत्ता है ?
उत्तर कल्हण, राजतरंगिणी के रचयिता थे। बारहवीं शताब्दी में रचित इस ग्रन्थ से काश्मीर के इतिहास के विषय में पर्याप्त जानकारी प्राप्त होती है, साथ ही अन्य स्थानों के इतिहास पर भी प्रकाश पड़ता है।
प्रश्न 44. अलबरुनी। उत्तर- अलबरुनी एक मुस्लिम यात्री था जिसने 1030 ई. में 'तहकीक एं-हिन्द' नामक पुस्तक लिखी। इस पुस्तक में उसने हिन्दुओं के धार्मिक विश्वासों और रीति-रिवाजों का विस्तार से वर्णन किया है।
प्रश्न 45. 'गाथासप्तशती'।
उत्तर- 'गाथासप्तशती' नामक ग्रन्थ की रचना सातवाहन राजा हाल ने की थी।
प्रश्न 46. पूर्व-पाषाणकाल के प्रारम्भिक हथियार किस प्रकार के थे?
उत्तर- पूर्व-पाषाणकाल के प्रारम्भिक हथियार पाषाणनिर्मित थे। ये औजार भद्दे और भाँडे थे।
प्रश्न 47. मध्य-पाषाणकाल के औजार किस आकार के थे? इन्हें किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर- मध्य-पाषाणकाल के औजार बहुत छोटे आकार के थे जो प्रायः 1/2" से 3/4" तक होते थे। अत्यधिक छोटे होने के कारण ये औजार 'लघु पाषाण उपकरण' या माइक्रोलिथ के नाम से जाने जाते हैं।
प्रश्न 48. मध्य-पाषाणकाल के किन्हीं चार औजारों के नाम एवं इनका प्रयोजन लिखिए।
उत्तर- (1) स्क्रेपर इसका प्रयोग खाल को खुरचने के लिए किया जाता था। (2) डिस्क ये मार करने के काम में आते थे। (3) ब्लेड इनसे तीरों की पैनी नोंक बनाई जाती थी। (4) लूनेट ये काटने के काम आते थे।
प्रश्न 49. लघु पाषाण उपकरण (माइकोलिथ) (Microlith)।
उत्तर- ये औजार बहुत छोटे आकार के हैं। अत्यधिक छोटे होने के कारण ये उपकरण 'माइक्रोलिथ' के नाम से जाने जाते हैं। माइक्रोलिथ उपकरणों में ब्लेड, प्वाइन्ट, स्क्रेपर, इन्नोवर, ट्रायंगल, क्रेसेण्ट, ट्रैपेज आदि आते हैं।
प्रश्न 50. शैलाश्रय (पत्थर आश्रय) ।
उत्तर- वर्षा और वायु के सामूहिक प्रभाव से पर्वतमालाएँ अनेक स्थलों से कट जाती हैं और उनके बीच कन्दराएँ बन जाती हैं। प्राचीन मनुष्यों ने नैसर्गिक रूप से बनी इन्हीं कन्दराओं को अपना आवास बनाया, जिन्हें शैलाश्रय कहते हैं। इन्हीं शैलाश्रय की दीवारों पर की गई चित्रकारी को शैल चित्र (Rock Art) कहते हैं।
प्रश्न 51. भारत में शैल कला।
उत्तर- भारत में विन्ध्याचल की पहाड़ियों में भीमबेटका कन्दरा शैल कला का सबसे बड़ा केन्द्र है। इसके अतिरिक्त होशंगाबाद, पंचमढ़ी, सिंघनपुर, कबरा पहाड़, सोनघाटी, मानिकपुर आदि स्थलों की गुफाओं में अनेक शैल चित्र मिले हैं।
प्रश्न 52. भीमबेटका के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर- विन्ध्यांचल की पहाड़ियों में भीमबेटका में कन्दरा-चित्रकला का सबसे बड़ा भण्डार मिला है। यहाँ की लगभग 500 गुफाओं में तत्कालीन युग के लोगों द्वारा अंकित किए गए हजारों चित्र प्राप्त हुए हैं। उसमें मानव जीवन के प्रायः सभी पक्षों को चित्रित किया गया है।
प्रश्न 53. नवपाषाणकालीन औजारों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर- नवपाषाणकालीन औजार गहरे हरे रंग के ट्रेप के हैं। ये औजार चिकने और चमकदार थे। इन औजारों एवं हथियारों पर या तो सम्पूर्ण भाग पर पालिश है या कम से कम ऊपर या नीचे के सिरों पर पालिश है।
प्रश्न 54. नवपाषाणकालीन संस्कृति के प्रमुख केन्द्रों के नाम बताइए।
उत्तर- उत्तरप्रदेश की टोंस नदी, बेलारी, ब्रह्मगिरी, बुर्जहोम, गुफकराल, असम, छोटा नागपुर, बिहार, इलाहाबाद, मिर्जापुर। प्रश्न 55. बोस्त्रोफेदन।
उत्तर- सिन्धु सभ्यता की लिपि पहली पंक्ति में दाहिनी ओर से बांयी ओर लिखी जाती थी तथा दूसरी पंक्ति बांयी ओर से लिखी जाती थी। इस प्रकार की लिखावट को बोस्त्रोफेदन कहा जाता है।
प्रश्न 56. हड़प्पा नगर की दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर- (1) सड़कें पूर्व से पश्चिम की ओर तथा उत्तर से दक्षिण की ओर जाती थीं जो एक दूसरे को समकोण पर काटती थी तथा पर्याप्त चौड़ी होती थीं (2) नगरों का निर्माण एक निश्चित योजना अनुसार किया गया था।
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