Study World: B.A History Notes Part 3 in Hindi




B.A. History Notes 1st Year Rajsthan University Unit 1 2024



प्रश्न 146. बुद्धकालीन प्रमुख राजतंत्र ।

 उत्तर- अंग, मगध, काशी, कोशल, वत्स, मत्स्य, शूरसेन, अवन्ति, गान्धार, चेदि, अश्मक में राजतन्त्रात्मे शासन था। वज्जि और मल्ल महाजनपदों में शुरू से ही गणतन्त्रात्मक शासन रहा था।


प्रश्न 147. छठी शताब्दी ई. पूर्व में गणराज्यों के नाम लिखिए।


उत्तर- छठी शताब्दी ई. पूर्व भास्त में वज्जी, कूर, पांगल, कम्बोज, मल्ल और शाक्यों के प्रसिद्ध गणराज्य थे।


प्रश्न 148. 'जिन'।


उत्तर- जैन शब्द संस्कृत के 'जिन' शब्द से बना है, जिसका अर्थ है विजेता, अर्थात् जितेन्द्रिय जो सांसारिक विषयों व इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर ले।


प्रश्न 149. बसदीस।


उत्तर- आठवीं शताब्दी में कर्नाटक में जैन धर्म का प्रसार हुआ। तब बहुत से जैन मन्दिर एवं स्थानक बने। इन जैन मन्दिरों एवं जैन स्थानकी को बसदिस के नाम से जाना जाता है। इनमें कर्नाटक का श्रवणबेलगोला प्रख्यात जैन बसदिस है।


प्रश्न 150. जैन धर्म के प्रथम और 23वें तीर्थंकर कौन थे?


उत्तर- जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव और 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे।


प्रश्न 151. महावीर स्वामी को केवल्य ज्ञान कहाँ प्राप्त हुआ?


उत्तर- जम्मिय ग्राम के निकट ऋजुपालिका नदी के तट पर केवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ।


प्रश्न 152. केवल्य ज्ञान प्राप्त करने के बाद महावीर स्वामी क्या कहलाये ?


उत्तर- केवल्य ज्ञान प्राप्ति के बाद महावीर स्वामी' जिन', 'महावीर' और 'निग्रन्थ' कहलाये।


 प्रश्न 153. जैन धर्म के अनुसार महाव्रत कितने हैं? नाम लिखिए। 

 अथवा


'पंच महाव्रतों' के नाम लिखिए।


उत्तर- जैन धर्म के अनुसार महाव्रत पाँच हैं। ये हैं- (1) अहिंसा, (2) सत्य, (3) अस्तेय, (4) अपरिग्रह, और (5) ब्रह्मचर्य।


प्रश्न 154. जैन धर्म के व्यापक न होने के कोई दो कारण बताइए।


उत्तर- (1) जैन धर्म के नियमों का कठोर होना। (2) राजकीय संरक्षण का अभाव।


प्रश्न 155. भारतीय संस्कृति को जैन धर्म की कोई दो देनों के नाम लिखिए।


उत्तर- (1) जैन धर्म के अहिंसा के सिद्धान्त ने वैदिक धर्म को प्रभावित किया है। (2) जैन धर्म ने भारतीय कला के विकास में भी योगदान दिया है।


प्रश्न 156. सम्यक्-ज्ञान से क्या आशय है?


उत्तर- जैन धर्म के अनुसार बिना सम्यक् ज्ञान के मुक्ति प्राप्त नहीं होती। यह ज्ञान तीर्थंकरों के उपदेशों से प्राप्त होता है, जिन्होंने कर्म बंधनों से मुक्ति पा ली है।


प्रश्न 157. बौद्ध धर्म के मूल समुत्पाद से क्या कार्य है?


उत्तर- प्रतीत्य समुत्पाद का अर्थ है किसी कारण से कोई बात उत्पन्न होती है। इसे कार्य कारण नियम भी कहते हैं।


प्रश्न 158. जैन धर्म और बौद्ध धर्म में दो समानताएँ कौन-कौन सी हैं?


उत्तर (1) दोनों धर्म अनीश्वरवादी हैं। (2) दोनों का कर्मवाद और पुनर्जन्म के सिद्धान्त में विश्वास।


प्रश्न 159. ऐतिहासिक सूचनाएँ देने वाले किन्हीं चार पुराने जैन ग्रन्थों के नाम बताइए। 


उत्तर- (1) परिशिष्टपर्वन् (2) भद्रबहुचरित, (3) वसुदेव हिण्डी, (4) पुण्याश्रय कथाकोश।


प्रश्न 160. चार आर्य सत्यों के नाम लिखिए।


उत्तर- चार आर्य (२) दुःख समुदाय, (3) दुःख-निरोध तथा (२) दुख


मार्ग। प्रश्न 161. जैन धर्म


उत्तर- में सम्यक दर्शनका अर्थ है यथार्थ जन के प्रति सच्ची श्रद्धा जथकि सत्य और असत्य का भेद समझ लेना अथर्थात् जीव और अजीब के ि स्वरूप का पूर्ण ज्ञान प्राप्त करना 'सम्यक् ज्ञान' कहलाता है।


प्रश्न 162. तीर्थंकर परम्परा क्या है?


उत्तर- जैन धर्म के संस्थापक तथा ज्ञान प्राप्त महात्माओं को 'तीर्थकर' कहा गया है। साहित्य के अनुसार जैन धर्म के 24 तीर्थकर हुए हैं। तीर्थकर उसे कहते हैं जो म ज्ञान पा लेने के बाद दूसरों को शिक्षा देता है।


प्रश्न 163. बिम्बिसार की प्रमुख विजयों के नाम लिखिए।


उत्तर- विम्बिसार नै अंग प्रदेश पर आक्रमण किया और उसे जीतकर मगध साम्राज्य ३ सम्मिलित कर लिया।


प्रश्न 164. बिम्बिसार के कौन-कौन से देशों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध थे?


उत्तर- बिम्बिसार के वत्स, भद्र, गान्धार, कम्बोज, अवन्ति आदि से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध में। प्रश्न 165. हर्यक वंश के तीन प्रमुख सम्म्राटों या राजाओं के नाम लिखिए।


उत्तर- बिम्बिसार, अजातशत्रु और उदायिन हर्यक वंश के प्रमुख सम्राट थे।


प्रश्न 166. मगध साम्राज्य के उत्कर्ष में हर्यक राजवंश का योगदान बताइए।


उत्तर- गगध साम्राज्य पर हर्यक वंश की स्थापना बिम्बिसार ने की थी। इसके बाद अजातशत्रु तथा उसके पुत्र उदायिन ने शासन किया। इन्होंने मगध का बहुत अधिक विस्तार किया। इनके शासनकाल में मगध साम्राज्य की शक्ति अपने चरम उत्कर्ष पर थी।


प्रश्न 167. मगध के उदय के दो मुख्य कारण बताइए।


उत्तर- (1) सामाजिक दृष्टि से मगध राज्य की स्थिति अत्यन्त सुदृढ़ थी।


(2) मगध को बिम्बिसार, अजातशत्रु, महाप‌द्मनन्द जैसे पराक्रमी और कुशल शासकों का नेतृत्व प्राप्त हुआ।


प्रश्न 168. नन्दवंश के पतन के लिए उत्तरदायी दो कारण लिखिए। उत्तर- (1) घननन्द के दुर्व्यवहार से चाणक्य और चन्द्रगुप्त मौर्य नाराज थे।


(2) नन्दवंश के राजा शूद्र थे। ब्राह्मण और क्षत्रिय उनसे घृणा करते थे। प्रश्न 169. प्रथम बौद्ध संगीति किसके शासनकाल में और कहाँ पर हुई थी ? इसका


उल्लेखनीय परिणाम क्या रहा ? अथवा राजगृह। उत्तर- प्रथम बौद्ध संगीति अजातशत्रु के शासनकाल में राजगृह में हुई थी। इस संगीति में महात्मा बुद्ध को शिक्षाओं को विनयपिटक एवं सुत्तपिटक में संकलित किया गया।


इस नगर का उल्लेख महाजनपदकालीन बौद्ध ग्रन्थों में मिलता है।


प्रश्न 170. कालाशोक कौन था ?


उत्तर- कालाशोक शिशुनाग का पुत्र था।


प्रश्न 171. नन्द वंश में कितने राजा हुए और इस वंश का अन्तिम राजा कौन था ?


उत्तर- नन्द वंश में 9 राजा हुए और इस वंश का अन्तिम राजा घननन्द था।


प्रश्न 172. अजातशत्रु के दो युद्धों के नाम लिखिए।

 अथवा 

 अजातशत्रु ।


अजातशत्रु विम्बिसार का पुत्र था। वह लगभग 492 ई.पू. में मगध को गहरी पर बैा। अजातशत्रु ने अपने शासन काल में कौशल, वज्जि संघ और अवन्ति से युद्ध किए।


प्रश्न 173. नन्द वंश का संस्थापक कौन था?


उतर नन्द वंश का संस्थापक महापद्यनन्द था।


प्रश्न 174. उदायिन के शासन काल की प्रमुख घटना का उल्लेख कीजिए।


उत्तर- उदायिन ने गंगा व सोन नदियों के संगम पर नई राजधानी पाटलिपुत्र की स्थापना की।


प्रश्न 175. अशोक ने बौद्ध धर्म कब अपनाया ?


उत्तर- अशोक ने बौद्ध धर्म कलिंग युद्ध के बाद अपनाया।


प्रश्न 176. अशोक के किस शिलालेख में कलिंग युद्ध का उल्लेख है?


उत्तर- अशोक के तेरहवें शिलालेख में कलिंग युद्ध का उल्लेख है।


प्रश्न 177. राजस्थान में अशोक का अभिलेख कहाँ है?


उत्तर- राजस्थान में अशोक का अभिलेख बैराठ (विराटनगर) से प्राप्त हुआ है।


प्रश्न 178. प्रतिवेदक का क्या कार्य था ?


उत्तर- प्रतिवेदक का प्रमुख कार्य सम्राट अशोक को जनता के कार्यों एवं शिकायतों की सूचना देना था।


प्रश्न 179. 'कथावत्थु' के विषय में आप क्या जानते हैं?


उत्तर- तृतीय बौद्ध संगीति के अध्यक्ष मोग्गलीपुत्र तिस्स द्वारा संग्रहीत ग्रन्थ 'कधावत्धु' को बौद्ध धर्म के प्रामाणिक सिद्धान्तों के ग्रन्थ के रूप में स्वीकृत किया जाता है।


प्रश्न 180. मौर्यकालीन न्यायालयों के प्रकार। अथवा


'धर्मस्थीय' और 'कण्टकशोधन' न्यायालय से आप क्या समझते हैं?


उत्तर- मौर्यकाल में न्यायालय दो प्रकार के थे (1) धर्मस्थीय या दीवानी- ये नागरिकों के आपसी अभियोगों की सुनवाई करके निर्णय देते थे। (ii) कण्टकशोधन या फौजदारी-इनमें फौजदारी अभियोगों की सुनवाई की जाती थी।


प्रश्न 181. उन चार स्थानों के नाम बताइए जहाँ अशोक के स्तम्भ लेख प्राप्त हुए हैं।


उत्तर (1) टोपरा दिल्ली, (2) कोशाम्बी- इलाहाबाद, (3) रामपुरवा - चम्पारन, (4) लौरिया नन्दगढ़।


प्रश्न 182. अशोक के नाम अशोक के किन अभिलेखों में प्राप्त होते हैं? चार के नाम बताइए।


उत्तर- अशोक का नाम मास्की, नित्तूर, गुजर्रा व उद्‌द्योलम के शिलालेखों में मिलता है। प्रश्न 183. ब्राह्मी लिपि एवं खरोष्ठी लिपि में अन्तर वताइए। अशोक के कौनसे दो अभिलेख खरोष्ठी भाषा में हैं?


उत्तर- ब्राह्मी लिपि बायों ओर से दाहिनी ओर को तथा खरोष्ठी लिपि दाहिनी ओर से बायर्यों ओर को लिखी जाती है। अशोक के केवल मानसेहरा तथा शहबाजगढ़ी के अभिलेखों की लिपि खरोष्ठी है।


प्रश्न 184. सुदर्शन झील के बारे में आप क्या जानते हैं?


उत्तर- सुदर्शन झील का निर्माण चन्द्रगुप्त मौर्य के सौराष्ट्र प्रान्त के प्रान्तपति पुष्पगुप्त ने सिंचाई की सुविधा के लिए करवाया था। अशोक के राज्यपाल तुषास्फ ने इस पर बाँध बनवाया था। सुदर्शन झील रुद्रदामन के समय में टूट गई थी, अतः रुद्रदामन ने इस पर एक नवीन वाँध बनवाया।


प्रश्न 185. प्राचीन भारत के, किन्हीं चार प्रान्तीय शासकों के नाम लिखिए जो सुदर्शन झील से सम्बन्धित रहे हैं।


 उत्तर- (1) पुष्यगुप्त- यह चन्द्रगुप्त मौर्य के काल में गवर्नर था। (2) तुषास्फ यह अशोक के समय गवर्नर था। (3) सुविशाख, (4) पर्णदत्त ।


प्रश्न 186. प्राचीन भारत के किन्हीं तीन शासकों के नाम बताइए जो सुदर्शन झील से सम्बन्धित रहे हैं।


उत्तर- (1) चन्द्रगुप्त मौर्य,(2) रुद्रदामन, तथा (3) स्कन्दगुप्त।


प्रश्न 187. निम्न पदों का आशय स्पष्ट कीजिए


- (i) समाहर्ता,


(ii) सन्निधाता।


- (i) समाहर्ता - राजस्व विभाग का मुख्य अधिकारी।


उत्तर (ii) सन्निधाता-राजकीय कोषाधिकरण का मुख्य अधिकारी।


प्रश्न 188. अशोक का धम्म क्या था ? अथवा अशोक धम्म।


उत्तर- अशोक का धम्म आचारों की वह संहिता थी जो उसने अपनी प्रजा के नैतिक उत्थान के लिए प्रस्तुत की। उसके धम्म का अर्थ था- पापहीनता, बहुकल्याण, दया, दान, सत्यता, शुद्धि।


प्रश्न 189. मौर्य शासन का भारतीय इतिहास में क्या महत्त्व है?


 उत्तर- मौर्य प्रशासन ने लोक कल्याणकारी राज्य का आदर्श प्रस्तुत किया। मौर्यों ने पहली


वार केन्द्रीभूत शासन व्यवस्था की स्थापना की। डेढ़ सौ वर्षों के मौर्य-शासन में


सभ्यता और संस्कृति की खूब वृद्धि हुई।



 प्रश्न 190. आप अन्तिम मौर्य शासक के बारे में क्या जानते हैं ?


उत्तर- मौर्य वंश का अन्तिम राजा बृहद्रथ मौर्य था। हर्षचरित के अनुसार इस राजा को उसके ही सेनापति पुष्यमित्र ने मार डाला। 184 ई.पू.में मौर्य वंश का अंत हो गया।


प्रश्न 191. चन्द्रगुप्त मौर्य की दो विजयों के नाम लिखिए।


उत्तर- (1) पश्चिमी भारत पर विजय,


(2) दक्षिणी भारत पर विजय।


प्रश्न 192. चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन प्रबन्ध के विषय में जानकारी देने वाले दो स्रोतों का उल्लेख कीजिए।


उत्तर- चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन प्रबन्ध के सम्बन्ध में मैगस्थनीज की पुस्तक 'इण्डिका' और कौटिल्य के ग्रन्थ 'अर्थशास्त्र' से जानकारी प्राप्त होती है।


प्रश्न 193. किससे प्रमाणित होता है कि मौर्यों ने जल संसाधन विकास पर पर्याप्त ध्यान दिया था ?


उत्तर- मेगस्थनीज की पुस्तक 'इण्डिका' से मौयों द्वारा जल संसाधन विकास प्रमाणित होता है।


प्रश्न 194. 'मंत्रिण' से क्या कार्य है?


उत्तर- राज्य के दैनिक कार्यों के लिए चन्द्रगुप्त मौर्य ने कुछ मन्त्री नियुक्त किये थे, उन्हें 'मन्त्रिण' कहा जाता था।


प्रश्न 195. चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य विस्तार लिखिए।


उत्तर- चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य हिन्दूकुश पर्वत से लेकर बंगाल तक और हिमालय से लेकर दक्षिण में मैसूर तक फैला हुआ था।



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