Study World: B.A History Notes Part 3 in Hindi




B.A. History Notes 1st Year Rajsthan University Unit 1 2024



प्रश्न 146. बुद्धकालीन प्रमुख राजतंत्र ।

 उत्तर- अंग, मगध, काशी, कोशल, वत्स, मत्स्य, शूरसेन, अवन्ति, गान्धार, चेदि, अश्मक में राजतन्त्रात्मे शासन था। वज्जि और मल्ल महाजनपदों में शुरू से ही गणतन्त्रात्मक शासन रहा था।


प्रश्न 147. छठी शताब्दी ई. पूर्व में गणराज्यों के नाम लिखिए।


उत्तर- छठी शताब्दी ई. पूर्व भास्त में वज्जी, कूर, पांगल, कम्बोज, मल्ल और शाक्यों के प्रसिद्ध गणराज्य थे।


प्रश्न 148. 'जिन'।


उत्तर- जैन शब्द संस्कृत के 'जिन' शब्द से बना है, जिसका अर्थ है विजेता, अर्थात् जितेन्द्रिय जो सांसारिक विषयों व इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर ले।


प्रश्न 149. बसदीस।


उत्तर- आठवीं शताब्दी में कर्नाटक में जैन धर्म का प्रसार हुआ। तब बहुत से जैन मन्दिर एवं स्थानक बने। इन जैन मन्दिरों एवं जैन स्थानकी को बसदिस के नाम से जाना जाता है। इनमें कर्नाटक का श्रवणबेलगोला प्रख्यात जैन बसदिस है।


प्रश्न 150. जैन धर्म के प्रथम और 23वें तीर्थंकर कौन थे?


उत्तर- जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव और 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे।


प्रश्न 151. महावीर स्वामी को केवल्य ज्ञान कहाँ प्राप्त हुआ?


उत्तर- जम्मिय ग्राम के निकट ऋजुपालिका नदी के तट पर केवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ।


प्रश्न 152. केवल्य ज्ञान प्राप्त करने के बाद महावीर स्वामी क्या कहलाये ?


उत्तर- केवल्य ज्ञान प्राप्ति के बाद महावीर स्वामी' जिन', 'महावीर' और 'निग्रन्थ' कहलाये।


 प्रश्न 153. जैन धर्म के अनुसार महाव्रत कितने हैं? नाम लिखिए। 

 अथवा


'पंच महाव्रतों' के नाम लिखिए।


उत्तर- जैन धर्म के अनुसार महाव्रत पाँच हैं। ये हैं- (1) अहिंसा, (2) सत्य, (3) अस्तेय, (4) अपरिग्रह, और (5) ब्रह्मचर्य।


प्रश्न 154. जैन धर्म के व्यापक न होने के कोई दो कारण बताइए।


उत्तर- (1) जैन धर्म के नियमों का कठोर होना। (2) राजकीय संरक्षण का अभाव।


प्रश्न 155. भारतीय संस्कृति को जैन धर्म की कोई दो देनों के नाम लिखिए।


उत्तर- (1) जैन धर्म के अहिंसा के सिद्धान्त ने वैदिक धर्म को प्रभावित किया है। (2) जैन धर्म ने भारतीय कला के विकास में भी योगदान दिया है।


प्रश्न 156. सम्यक्-ज्ञान से क्या आशय है?


उत्तर- जैन धर्म के अनुसार बिना सम्यक् ज्ञान के मुक्ति प्राप्त नहीं होती। यह ज्ञान तीर्थंकरों के उपदेशों से प्राप्त होता है, जिन्होंने कर्म बंधनों से मुक्ति पा ली है।


प्रश्न 157. बौद्ध धर्म के मूल समुत्पाद से क्या कार्य है?


उत्तर- प्रतीत्य समुत्पाद का अर्थ है किसी कारण से कोई बात उत्पन्न होती है। इसे कार्य कारण नियम भी कहते हैं।


प्रश्न 158. जैन धर्म और बौद्ध धर्म में दो समानताएँ कौन-कौन सी हैं?


उत्तर (1) दोनों धर्म अनीश्वरवादी हैं। (2) दोनों का कर्मवाद और पुनर्जन्म के सिद्धान्त में विश्वास।


प्रश्न 159. ऐतिहासिक सूचनाएँ देने वाले किन्हीं चार पुराने जैन ग्रन्थों के नाम बताइए। 


उत्तर- (1) परिशिष्टपर्वन् (2) भद्रबहुचरित, (3) वसुदेव हिण्डी, (4) पुण्याश्रय कथाकोश।


प्रश्न 160. चार आर्य सत्यों के नाम लिखिए।


उत्तर- चार आर्य (२) दुःख समुदाय, (3) दुःख-निरोध तथा (२) दुख


मार्ग। प्रश्न 161. जैन धर्म


उत्तर- में सम्यक दर्शनका अर्थ है यथार्थ जन के प्रति सच्ची श्रद्धा जथकि सत्य और असत्य का भेद समझ लेना अथर्थात् जीव और अजीब के ि स्वरूप का पूर्ण ज्ञान प्राप्त करना 'सम्यक् ज्ञान' कहलाता है।


प्रश्न 162. तीर्थंकर परम्परा क्या है?


उत्तर- जैन धर्म के संस्थापक तथा ज्ञान प्राप्त महात्माओं को 'तीर्थकर' कहा गया है। साहित्य के अनुसार जैन धर्म के 24 तीर्थकर हुए हैं। तीर्थकर उसे कहते हैं जो म ज्ञान पा लेने के बाद दूसरों को शिक्षा देता है।


प्रश्न 163. बिम्बिसार की प्रमुख विजयों के नाम लिखिए।


उत्तर- विम्बिसार नै अंग प्रदेश पर आक्रमण किया और उसे जीतकर मगध साम्राज्य ३ सम्मिलित कर लिया।


प्रश्न 164. बिम्बिसार के कौन-कौन से देशों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध थे?


उत्तर- बिम्बिसार के वत्स, भद्र, गान्धार, कम्बोज, अवन्ति आदि से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध में। प्रश्न 165. हर्यक वंश के तीन प्रमुख सम्म्राटों या राजाओं के नाम लिखिए।


उत्तर- बिम्बिसार, अजातशत्रु और उदायिन हर्यक वंश के प्रमुख सम्राट थे।


प्रश्न 166. मगध साम्राज्य के उत्कर्ष में हर्यक राजवंश का योगदान बताइए।


उत्तर- गगध साम्राज्य पर हर्यक वंश की स्थापना बिम्बिसार ने की थी। इसके बाद अजातशत्रु तथा उसके पुत्र उदायिन ने शासन किया। इन्होंने मगध का बहुत अधिक विस्तार किया। इनके शासनकाल में मगध साम्राज्य की शक्ति अपने चरम उत्कर्ष पर थी।


प्रश्न 167. मगध के उदय के दो मुख्य कारण बताइए।


उत्तर- (1) सामाजिक दृष्टि से मगध राज्य की स्थिति अत्यन्त सुदृढ़ थी।


(2) मगध को बिम्बिसार, अजातशत्रु, महाप‌द्मनन्द जैसे पराक्रमी और कुशल शासकों का नेतृत्व प्राप्त हुआ।


प्रश्न 168. नन्दवंश के पतन के लिए उत्तरदायी दो कारण लिखिए। उत्तर- (1) घननन्द के दुर्व्यवहार से चाणक्य और चन्द्रगुप्त मौर्य नाराज थे।


(2) नन्दवंश के राजा शूद्र थे। ब्राह्मण और क्षत्रिय उनसे घृणा करते थे। प्रश्न 169. प्रथम बौद्ध संगीति किसके शासनकाल में और कहाँ पर हुई थी ? इसका


उल्लेखनीय परिणाम क्या रहा ? अथवा राजगृह। उत्तर- प्रथम बौद्ध संगीति अजातशत्रु के शासनकाल में राजगृह में हुई थी। इस संगीति में महात्मा बुद्ध को शिक्षाओं को विनयपिटक एवं सुत्तपिटक में संकलित किया गया।


इस नगर का उल्लेख महाजनपदकालीन बौद्ध ग्रन्थों में मिलता है।


प्रश्न 170. कालाशोक कौन था ?


उत्तर- कालाशोक शिशुनाग का पुत्र था।


प्रश्न 171. नन्द वंश में कितने राजा हुए और इस वंश का अन्तिम राजा कौन था ?


उत्तर- नन्द वंश में 9 राजा हुए और इस वंश का अन्तिम राजा घननन्द था।


प्रश्न 172. अजातशत्रु के दो युद्धों के नाम लिखिए।

 अथवा 

 अजातशत्रु ।


अजातशत्रु विम्बिसार का पुत्र था। वह लगभग 492 ई.पू. में मगध को गहरी पर बैा। अजातशत्रु ने अपने शासन काल में कौशल, वज्जि संघ और अवन्ति से युद्ध किए।


प्रश्न 173. नन्द वंश का संस्थापक कौन था?


उतर नन्द वंश का संस्थापक महापद्यनन्द था।


प्रश्न 174. उदायिन के शासन काल की प्रमुख घटना का उल्लेख कीजिए।


उत्तर- उदायिन ने गंगा व सोन नदियों के संगम पर नई राजधानी पाटलिपुत्र की स्थापना की।


प्रश्न 175. अशोक ने बौद्ध धर्म कब अपनाया ?


उत्तर- अशोक ने बौद्ध धर्म कलिंग युद्ध के बाद अपनाया।


प्रश्न 176. अशोक के किस शिलालेख में कलिंग युद्ध का उल्लेख है?


उत्तर- अशोक के तेरहवें शिलालेख में कलिंग युद्ध का उल्लेख है।


प्रश्न 177. राजस्थान में अशोक का अभिलेख कहाँ है?


उत्तर- राजस्थान में अशोक का अभिलेख बैराठ (विराटनगर) से प्राप्त हुआ है।


प्रश्न 178. प्रतिवेदक का क्या कार्य था ?


उत्तर- प्रतिवेदक का प्रमुख कार्य सम्राट अशोक को जनता के कार्यों एवं शिकायतों की सूचना देना था।


प्रश्न 179. 'कथावत्थु' के विषय में आप क्या जानते हैं?


उत्तर- तृतीय बौद्ध संगीति के अध्यक्ष मोग्गलीपुत्र तिस्स द्वारा संग्रहीत ग्रन्थ 'कधावत्धु' को बौद्ध धर्म के प्रामाणिक सिद्धान्तों के ग्रन्थ के रूप में स्वीकृत किया जाता है।


प्रश्न 180. मौर्यकालीन न्यायालयों के प्रकार। अथवा


'धर्मस्थीय' और 'कण्टकशोधन' न्यायालय से आप क्या समझते हैं?


उत्तर- मौर्यकाल में न्यायालय दो प्रकार के थे (1) धर्मस्थीय या दीवानी- ये नागरिकों के आपसी अभियोगों की सुनवाई करके निर्णय देते थे। (ii) कण्टकशोधन या फौजदारी-इनमें फौजदारी अभियोगों की सुनवाई की जाती थी।


प्रश्न 181. उन चार स्थानों के नाम बताइए जहाँ अशोक के स्तम्भ लेख प्राप्त हुए हैं।


उत्तर (1) टोपरा दिल्ली, (2) कोशाम्बी- इलाहाबाद, (3) रामपुरवा - चम्पारन, (4) लौरिया नन्दगढ़।


प्रश्न 182. अशोक के नाम अशोक के किन अभिलेखों में प्राप्त होते हैं? चार के नाम बताइए।


उत्तर- अशोक का नाम मास्की, नित्तूर, गुजर्रा व उद्‌द्योलम के शिलालेखों में मिलता है। प्रश्न 183. ब्राह्मी लिपि एवं खरोष्ठी लिपि में अन्तर वताइए। अशोक के कौनसे दो अभिलेख खरोष्ठी भाषा में हैं?


उत्तर- ब्राह्मी लिपि बायों ओर से दाहिनी ओर को तथा खरोष्ठी लिपि दाहिनी ओर से बायर्यों ओर को लिखी जाती है। अशोक के केवल मानसेहरा तथा शहबाजगढ़ी के अभिलेखों की लिपि खरोष्ठी है।


प्रश्न 184. सुदर्शन झील के बारे में आप क्या जानते हैं?


उत्तर- सुदर्शन झील का निर्माण चन्द्रगुप्त मौर्य के सौराष्ट्र प्रान्त के प्रान्तपति पुष्पगुप्त ने सिंचाई की सुविधा के लिए करवाया था। अशोक के राज्यपाल तुषास्फ ने इस पर बाँध बनवाया था। सुदर्शन झील रुद्रदामन के समय में टूट गई थी, अतः रुद्रदामन ने इस पर एक नवीन वाँध बनवाया।


प्रश्न 185. प्राचीन भारत के, किन्हीं चार प्रान्तीय शासकों के नाम लिखिए जो सुदर्शन झील से सम्बन्धित रहे हैं।


 उत्तर- (1) पुष्यगुप्त- यह चन्द्रगुप्त मौर्य के काल में गवर्नर था। (2) तुषास्फ यह अशोक के समय गवर्नर था। (3) सुविशाख, (4) पर्णदत्त ।


प्रश्न 186. प्राचीन भारत के किन्हीं तीन शासकों के नाम बताइए जो सुदर्शन झील से सम्बन्धित रहे हैं।


उत्तर- (1) चन्द्रगुप्त मौर्य,(2) रुद्रदामन, तथा (3) स्कन्दगुप्त।


प्रश्न 187. निम्न पदों का आशय स्पष्ट कीजिए


- (i) समाहर्ता,


(ii) सन्निधाता।


- (i) समाहर्ता - राजस्व विभाग का मुख्य अधिकारी।


उत्तर (ii) सन्निधाता-राजकीय कोषाधिकरण का मुख्य अधिकारी।


प्रश्न 188. अशोक का धम्म क्या था ? अथवा अशोक धम्म।


उत्तर- अशोक का धम्म आचारों की वह संहिता थी जो उसने अपनी प्रजा के नैतिक उत्थान के लिए प्रस्तुत की। उसके धम्म का अर्थ था- पापहीनता, बहुकल्याण, दया, दान, सत्यता, शुद्धि।


प्रश्न 189. मौर्य शासन का भारतीय इतिहास में क्या महत्त्व है?


 उत्तर- मौर्य प्रशासन ने लोक कल्याणकारी राज्य का आदर्श प्रस्तुत किया। मौर्यों ने पहली


वार केन्द्रीभूत शासन व्यवस्था की स्थापना की। डेढ़ सौ वर्षों के मौर्य-शासन में


सभ्यता और संस्कृति की खूब वृद्धि हुई।



 प्रश्न 190. आप अन्तिम मौर्य शासक के बारे में क्या जानते हैं ?


उत्तर- मौर्य वंश का अन्तिम राजा बृहद्रथ मौर्य था। हर्षचरित के अनुसार इस राजा को उसके ही सेनापति पुष्यमित्र ने मार डाला। 184 ई.पू.में मौर्य वंश का अंत हो गया।


प्रश्न 191. चन्द्रगुप्त मौर्य की दो विजयों के नाम लिखिए।


उत्तर- (1) पश्चिमी भारत पर विजय,


(2) दक्षिणी भारत पर विजय।


प्रश्न 192. चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन प्रबन्ध के विषय में जानकारी देने वाले दो स्रोतों का उल्लेख कीजिए।


उत्तर- चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन प्रबन्ध के सम्बन्ध में मैगस्थनीज की पुस्तक 'इण्डिका' और कौटिल्य के ग्रन्थ 'अर्थशास्त्र' से जानकारी प्राप्त होती है।


प्रश्न 193. किससे प्रमाणित होता है कि मौर्यों ने जल संसाधन विकास पर पर्याप्त ध्यान दिया था ?


उत्तर- मेगस्थनीज की पुस्तक 'इण्डिका' से मौयों द्वारा जल संसाधन विकास प्रमाणित होता है।


प्रश्न 194. 'मंत्रिण' से क्या कार्य है?


उत्तर- राज्य के दैनिक कार्यों के लिए चन्द्रगुप्त मौर्य ने कुछ मन्त्री नियुक्त किये थे, उन्हें 'मन्त्रिण' कहा जाता था।


प्रश्न 195. चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य विस्तार लिखिए।


उत्तर- चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य हिन्दूकुश पर्वत से लेकर बंगाल तक और हिमालय से लेकर दक्षिण में मैसूर तक फैला हुआ था।



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Study World: B.A Political Science Notes in Hindi

Study World: B.A History Notes Part 2 in Hindi






B.A. History Notes 1st Year Rajsthan University Unit 1 2024



प्रश्न 57. भारत में स्थित सिन्धु सभ्यता के चार प्रमुख केन्द्र बताइए।

 

 उत्तर -   (1) कालीबंगा, (2) लोथल, (3) राखीगढ़ी, (4) बणावली


 58. सिन्धु सभ्यता के चार स्थान बताइए जहाँ से अग्नि  वेदिकाएँ   प्राप्त हुई है।


उत्तर- फालीबंगा, लोथल, बणावली, राखीगढ़ी आदि की खुदाई से अनेक अग्नि वेदिकाएँ प्राप्त हुई हैं।


प्रश्न 59. सिन्धु सभ्यता के किस स्थल से जुते हुए खेत के साक्ष्य पाए गए थे? 


उत्तर-  कालीबंगा से जुते हुए खेत के साक्ष्य पाए गए थे। कालीबंगा राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है।


प्रश्न 60. हड़प्पा सभ्यता के उस स्थल का नाम बताए जहाँ से स्टेडियम के अवशेष प्राप्त हुए हैं।


उत्तर- धौलावीरा।


प्रश्न 61. धौलावीरा।


उत्तर- सिन्धु सभ्यता का प्रमुख पुरास्थल धौलाधीरा, गुजरात के कमल जिले के गवाह तालुका में स्थित है। यहां से अनेक जलाशय, एक विशाल स्टेडियम्, प्राचीर द्वार पाषाण खण्ड, पाषाण स्तम्भ आदि मिले हैं।


प्रश्न 62. राजस्थान में अखनित दो सैन्धव पुरास्थलों के नाम लिखिए।


उत्तर (1) कालीबंगा,(2) बालाथल।


प्रश्न 63. हड़प्पा संस्कृति के काल में दो प्रमुख व्यापारिक केन्द्रों के नाम् लिखिए।


उत्तर- (1) चन्हूदड़ो, (2) लोथल।


प्रश्न 64. धौलावीरा पुरास्थल किस सभ्यता से सम्बन्धित है और यह कहाँ स्थित है?


उत्तर- धौलावीरा पुरास्थल सिन्धु घाटी सभ्यता से सम्बन्धित है और यह स्थल भारत के


गुजरात राज्य के कच्छ जिले के मचाऊ तालुका में स्थित है।


प्रश्न 65. सिन्धु घाटी सभ्यता से प्राप्त प्रसिद्ध नर्तकी की प्रतिमा किस स्थान से मिली तथा वह किस धातु से बनी हुई है?


उत्तर- नर्तकी की प्रतिमा मोहनजोदड़ो से मिली तथा वह काँसे की बनी हुई है।


प्रश्न 66. हड़प्पा संस्कृति के पतन के कारणों का वर्णन कीजिए।


उत्तर- (1) प्राकृतिक तत्त्वों की प्रतिकूलता के कारण। (2) भूकम्प अथवा किन्हों अग भूतात्विक परिवर्तनों के कारण। (3) नदियों के प्रवाह मार्ग में परिवर्तन के कारण।


(4) बाहरी तत्वों के आक्रमण के कारण।


प्रश्न 67. गुजरात के किन्हीं चार सैन्धव स्थलों के नाम लिखिए।


उत्तर- रंगपुर, लोथल, सुरकोतदा, तथा रोजदि।


प्रश्न 68. लोथल।


उत्तर- गुजरात राज्य में स्थित लोथल सिन्धु सभ्यता का महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र था। वाँ व्यावसायिक गोदी के भग्नावशेष मिले हैं।


प्रश्न 69. पशुपति की मुहर पर अंकित पशुओं के नाम लिखिए। 


उत्तर- पशुपति की मुहर पर हाथों, व्याघ्र, भैंसा, गैंडा एवं हिरण पशु ऑकत हैं।


प्रश्न 70. हड़प्पा में खुदाई का कार्य किसके नेतृत्व में और कब किया गया ?


उत्तर- हड़प्पा में खुदाई का कार्य 1920 ई. में श्री दयाराम साहनी तथा माधोस्वरूप कस के नेतृत्व में किया गया।


प्रश्न 71. सिन्धु सभ्यता को 'हड़प्पा संस्कृति' के नाम से क्यों पुकारा जाता है?


उत्तर- सिन्धु सभ्यता को 'हड़प्पा संस्कृति' के नाम से भी पुकारा जाता है क्योंकि हड़प्या


नगर और उसके आस पास का क्षेत्र इस सभ्यता का केन्द्र स्थान रहा था। प्रश्न 72. मोहनजोदड़ों में खुदाई का कार्य किसके नेतृत्व में और कब किया गया ?


उत्तर- 1922 ई. में राखलदास बनों के नेतृत्व में मोहनजोदड़ों में खुदाई का कार्य किया गया। यहाँ सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए। यह पुरास्थल पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के लरकाना जिले में स्थित है।


प्रश्न 73. सिन्धु-निवासी किन वृक्षों एवं पशुओं की उपासना करते थे ?


उत्तर- सिन्धु-निवासी पीपल, तुलसी, नीम, खजूर, बबूल आदि वृक्षों तथा बैल, भैंस, भैंसा, बाघ, हाथी, नाग आदि पशुओं को उपासना करते थे।


प्रश्न 74. सिन्धु प्रदेश में किनकी कृषि की जाती थी ?


उत्तर- सिन्धु प्रदेश में गेहूँ, जी, चावल, कपास, मटर, तिल आदि की कृषि की जाती थी।


प्रश्न 75. सिन्धु-निवासियों के मनोरंजन के प्रमुख साधन कौन-कौन से थे ?


उत्तर- शिकार करना, शतरंज खेलना, संगीत-नृत्य में भाग लेना, पक्षियों को लड़ाना आदि सिन्धु निवासियों के मनोरंजन के प्रमुख साधन थे। प्रश्न 76. सिन्धु सभ्यता का कौन-कौन सी समकालीन सभ्यताओं से सम्बन्ध था ?


उत्तर- सिन्धु सभ्यता का मेसोपोटामिया, एलाम, क्रोट, मिस्र आदि से व्यापारिक एवं सांस्कृतिक सम्बन्ध था।


प्रश्न 77. सिन्धु निवासियों के व्यापारिक सम्बन्ध किन देशों या राष्ट्रों के साथ थे?


उत्तर- सिन्धु निवासियों के सुमेरिया, ईरान, अफगानिस्तान, मिस्र आदि से व्यापारिक सम्बन्ध थे।


प्रश्न 78. हड़प्पा सभ्यता की चार प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।


उत्तर- (1) आर्थिक जीवन समृद्ध था। (2) उनको लिपि का ज्ञान था। (3) यह नगरीय प्रधान सभ्यता थी। (4) पाषाण तथा काँसे के उपकरणों का प्रयोग।


प्रश्न 79. सिन्धु क्षेत्र के प्रमुख देवता कौन थे?


उत्तर- सिन्धु निवासी शिव, मातृदेवी, लिंगयोनि, समुद्र, वृक्षों आदि की पूजा करते थे।


प्रश्न 80. सिन्धु सभ्यता की लिपि किस प्रकार लिखी गई थी?


उत्तर- सिन्धु सभ्यता की लिपि पहली पंक्ति में दाहिनी ओर से बांयी ओर लिखी जाती थी तथा दूसरी पंक्ति बांयी ओर से लिखी जाती थी।


प्रश्न 81. सिंधु-सभ्यता और वैदिक सभ्यता में कोई दो अंतरात्मा बताएं।


उत्तर- (i) सिन्धु सभ्यता नगरीय एवं व्यापार प्रधान थी, जबकि वैदिक सभ्यता ग्रामीण थी। (ii) सिन्धु निवासी लोहे से अपरिचित थे, जबकि आर्य लोहे से परिचित थे।


प्रश्न 82. सिन्धु घाटी की सभ्यता का विस्तार क्षेत्र बताइए।


उत्तर- सिन्धु घाटी की सभ्यता का विस्तार अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, सिन्ध, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात एवं उत्तरी भारत में गंगा घाटी तक व्याप्त था। 


प्रश्न 83. सिन्धु सभ्यता को 'सिन्धु घाटी की सभ्यता' के नाम से क्यों जाना जाता है?


उत्तर- क्योंकि इस सभ्यता के अधिकांश भग्नावशेष सिन्धु नदी और उसकी सहायक नदियों की घाटियों में प्राप्त हुए हैं।


प्रश्न 84. 'त्रयी'


उत्तर- त्रयी से तापमान तीन वेदों ऋग्वेद, यजुर्वेद तथा सामवेद से है।


प्रश्न 85.  'पणि'

उत्तर - ऋग्वैदिककाल में व्यापार पर एकाधिकार ' पणि' वर्ग के लोगों के हाथों में था।  विद्वान  के अनुसार 'पणि' सम्भवतः अनार्यों में से थे जो कि कृपणता के लिए प्रसिद्ध


प्रश्न 86. 'सप्त सैन्धव' प्रदेश की सात नदियों के नाम लिखिए।


उत्तर- 'सप्त सैन्धव' प्रदेश की सात नदियों के नाम हैं सिन्धु, वितस्ता (झेलम), (चिनाब), परुष्णी (रानी), विपासा (व्यास), शतुद्रि (सतलज) और सरम्य


प्रश्न 87. वैदिक देवताओं की अवधारणा।


उत्तर- आर्थों ने देवी-देवताओं की परिकल्पना मानव रूप में ही की। उनके देवता अमा तथा ऋत (नैतिक व्यवस्था) के पोषक थे।


प्रश्न 88. 'अध्वर्यु' और 'उद्गाता' कौन थे?


उत्तर- 'अध्वर्यु' व 'उद्‌गाता' उत्तरवैदिक काल में यज्ञों को सम्पन्न करने वाले पुरोहितं; चार वर्गों में शामिल वर्ग थे। ये यज्ञों का अनुष्ठान कराने वाले पुरोहित थे।


प्रश्न 89. ऋग्वैदिक व उत्तरवैदिक काल में दो अन्तर बताइए।


उत्तर- (1) ऋग्वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति बहुत अच्छी थी, परन्तु उत्तरवैदिक में स्त्रियों की स्थिति में गिरावट आ गई थी। (2) ऋग्वैदिक काल में इन्द्र, ऑन वरुण जबकि उत्तरवैदिक काल में शिव, विष्णु और प्रजापति की पूजा की जाती थे


प्रश्न 90. वैदिककालीन प्रमुख देवताओं के नाम बताइए।


उत्तर- वैदिककालीन देवताओं में वरुण, सूर्य, अग्नि, इन्द्र, द्यौस, विष्णु, सविता, अदिरि सोम, उषा, मरूत, रूद्र आदि प्रमुख है। प्रश्न 91. उन वैदिक देवताओं के नाम लिखिए जिनका उल्लेख 1400 ई.पू. के आसपास


के बोगजकोई अभिलेख में हुआ है। उत्तर- 1400 ई.पू. के आसपास के बोगजकोई अभिलेख में निम्न वैदिक देवताओं के नाम का उल्लेख है-वरुण, मित्र, इन्द्र और नासत्य।


प्रश्न 92. पूर्व-वैदिकधर्म की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।.


उत्तर- पूर्व-वैदिक आर्य प्राकृतिक शक्तियों के उपासक थे। वे एकेश्वरवाद और परम तत्व में विश्वास करते थे। वरुण, अग्नि, सूर्य, विष्णु, इन्द्र आदि उनके प्रमुख देवता थे।


प्रश्न 93. पुरुषार्थों पर बीस शब्द लिखिए।


उत्तर- प्राचीन हिन्दू शास्त्रकारों ने मनुष्य तथा समाज की उन्नति के लिए चार पुरुषार्थों का विधान प्रस्तुत किया। पुरुषार्थ चार हैं-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।


प्रश्न 94. 'ऋत' शब्द से आप क्या समझते हैं? अथवा 'ऋत्' की अवधारणा बताइए।


उत्तर-  वैदिककालीन आर्य ऋत को विश्वव्यापी नियम (नैतिक व्यवस्था) मानते थे जिसके अनुसार आचरण करना प्रत्येक आर्य का परम कर्त्तव्य था। आर्यों के देवता भी  ऋत् (नैतिक व्यवस्था) के पोषक थे।


प्रश्न 95. उन चार प्रकार के ग्रन्थों का नामोल्लेख कीजिए जो वैदिक साहित्य के  अन्तर्गत समाहित होते हैं ।


उत्तर- (1) ऋग्वेद, (2) सामवेद, (3) यजुर्वेद, (4) अथर्ववेद।


प्रश्न 109. उत्तर-वैदिककालीन प्रमुख जनपदों के नाम लिखिए।


उत्तर- उत्तर वैदिककालीन प्रमुख जनपद कुरु, पांचाल, विदेह गान्धार काशी. अवन्ति, अश्मक, राष्ट्र, मूलक, कौशल इत्यादि थे।


प्रश्न 110. रत्निन कौन थे ?


उत्तर वैदिक काल में राजा के महत्त्वपूर्ण पदाधिकारियों को रश्मिन' कहा जाता था।


प्रश्न 111. उत्तर-वैदिक काल में पंच महायज्ञ कौन-कौन से थे ? अथवा उत्तर-


उत्तर-  (1) ब्रह्म यज्ञ, (2) देव यज्ञ। (3) पितृ यज्ञ, (4) अतिथि यज्ञ, तथा भूत यज्ञ ।


प्रश्न112.  उत्तर-वैदिक काल में किन तीन ऋणों की कामना की गई थी ?

उत्तर- 1) पितृ ऋण (2) देव ऋण, तथा (3) ऋषि ऋण।



प्रश्न 113. लौह युग का प्रारम्भ कब से माना जाता है?


उत्तर- 1100 ई. पूर्व में जब लोहे को निकाला गया, पिघलाया गया और उसकी वस्तुएँ चन् गई तब लौह युग प्रारम्भ हुआ।


प्रश्न 114. भारत में लोहा कौनसी संस्कृति से सम्बद्ध रहा ?


उत्तर- भारत में लोहा पेन्टेन्ड ग्रे बेअर संरकृति, काला और लाल पात्र संस्कृति, मध संस्कृति से सम्बद्ध रहा है।


प्रश्न 115. भारत में लौहयुगीन संस्कृति के अवशेष कहाँ से प्राप्त हुए हैं?


उत्तर- अहिच्छत्र, अन्तरजीखेडा, आलमगीरपुर, मथुरा, रोपड़, श्रावस्ती, काम्पिल्य आदि स्थानों की खुदाई से लौहयुगीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं।


प्रश्न 116. तत्कालीन लौह-युगीन संस्कृति के लोग जिस विशिष्ट बर्तन का प्रयोग करते थे, उसे क्या कहते हैं?


उत्तर-  चित्रित धूसर भांड।


प्रश्न 117. महाभिनिष्क्रमण ।


उत्तर- महात्मा बुद्ध द्वारा ज्ञान की खोज हेतु राजमहल, अपनी पत्नी, पुत्र आदि को छोड़कर निकल पड़ने की घटना 'महाभिनिष्क्रमण' के नाम से जानी जाती है।


प्रश्न 118. हीनयान और महायान।


उत्तर- चतुर्थ बौद्ध संगीति के बाद बौद्ध धर्म दो भागों में विभक्त हो गया। हीनयान इस धर्म का प्रारम्भिक स्वरूप था जबकि नवीन सम्प्रदाय अर्थात् महायान समय और परिस्थिति के अनुसार बदला हुआ स्वरूप था।


प्रश्न 119. हीनयान व महायान में दो मूलभूत अन्तर।


उत्तर- (1) हीनयान मतावलम्बी केवल अपने मोक्ष की कामना करते हैं, जबकि महायान सभी के मोक्ष के बाद अपने मोक्ष की कामना करते हैं। (2) हीनयान मतावलम्बी केवल बुद्ध के धार्मिक सिद्धान्तों में विश्वास करते हैं, जबकि महायान मतावलम्बी बुद्ध और बोधिसत्वों के धार्मिक सिद्धान्तों में विश्वास करते हैं।


प्रश्न 120. अनेकान्तवाद ।


उत्तर- जैनियों का अनेकान्तवाद वह सिद्धान्त है जो विश्व की समस्त वस्तुओं में दो प्रकार के विरोधी तत्त्वों को स्वीकार करता है, जैसे आकाश नित्य भी है और अनित्य भी। इस सिद्धान्त के अनुसार किसी भी मत को पूर्ण मिथ्या नहीं कहा जा सकता है।


प्रश्न 121. स्यादवाद ।


उत्तर एक ही दृष्टिकोण को सही न मानकर सभी दृष्टिकोणों में सत्य गानने को ही 'स्यादवाद' कहते है।


प्रश्न 122. 'सम्बोधि' से आप क्या समझते हैं ?


उत्तर गौतम बुद्ध ने वैशाख पूर्णिमा के दिन वटवृक्ष के नीचे संत्रोधि (निर्वाण) प्राप्त की थी। आज उसे बोधिवृक्ष कहते है जो कि बिहार के गया में स्थित है।


प्रश्न 123. बौद्ध धर्म में 'धर्म चक्र प्रवर्तन'।


उत्तर- ज्ञान प्राप्ति के पश्चात महात्मा बुद्ध ने अपने पाँच साथियों को सर्वप्रथम उपदेश देकर अपना अनुयायी बना लिया। यह घटना 'धर्म चक्र प्रवर्तन' के नाम से जानी जाती है।


प्रश्न 124. सोलह महाजनपदों के नाम लिखिए।


उत्तर-  सोलहं महाजनपद अंग, मगध, काशी, कोसल, वज्जि, मल्ल, चेदि, वत्स, कुरु,पांचाल, मत्स्य, सूरसेन, अश्यक, अवन्ति, गान्धार, कम्बोज। 


प्रश्न 125. किन्हीं चार महाजनपदों के नाम उनकी राजधानियों सहित लिखिए।


उत्तर-  (1) अवन्ति-महिष्मती, (2) कोसल श्रावस्ती.

(3) मगध राजगृह. (4) वत्स कौशाम्बी।



प्रश्न 126. बौद्ध धर्म की चार संगीतियाँ क्रमशः किन स्थानों पर हुई ?


उत्तर- (1) प्रथम- राजगृह, (2) द्वितीय- वैशाली,   (3) तृतीय- पाटलिपुत्र, तथा  (4) चौथी कुण्डलवन काश्मीर) में हुई थी।



प्रश्न 127. तक्षशिला विश्वविद्यालय के विषय में संक्षेप में लिखिए।


उत्तर- तक्षशिला विश्वविद्यालय ज्ञान और विद्या का एक प्रसिद्ध केन्द्र था। यहाँ वेद, व्याकरण, दर्शन, आयुर्वेद तथा 18 शिल्पों की शिक्षा दी जाती थी।


प्रश्न 128. महात्मा बुद्ध की प्रमुख शिक्षाओं का उल्लेख कीजिए।


उत्तर- (1) चार आर्य सत्य, (2) अष्टांगिक मार्ग, (3) मध्यमा प्रतिपदा, (4) दस शील.(5) कर्मवाद, (6) पुनर्जन्मवाद, (7) कार्य कारण सम्बन्ध,(8) निर्वाण,(9) आत्मावलम्बन, (10) विशिष्ट समुत्पाद, (11) क्षणिकवाद।


प्रश्न 129. उन चार स्थानों के नाम बताइए जो भगवान बुद्ध की विशिष्ट घटनाओं से सम्बन्धित थे। 


उत्तर- (1) लुम्बिनी, (2) बोधगया, (3) ऋपिपत्तन, (4) कुशीनारा (कुशीनगर)।


प्रश्न 130. संवर व निर्जरा।


उत्तर- जैन धर्म के अनुसार नए कर्मों के आगमन की प्रक्रिया (राग-द्वेष) को रोकना हो संवर है जबकि पूर्व संचित कर्मों के विनाश की प्रक्रिया को निर्जरा कहते हैं।


प्रश्न 131. जैन धर्म में निर्जरा क्या है ?


उत्तर- जैन धर्म में पूर्व संचित कर्मों के विनाश की प्रक्रिया को निर्जरा कहते हैं।


प्रश्न 132. जैन धर्म में संवर का क्या अर्थ है ?


उत्तर- जैन धर्म में संवर का अर्थ है राग द्वेष पर रोक लगाना। कर्मों के आगमन की प्रक्रिया को रोकना ही संवर है।


प्रश्न 133. जैन धर्म की मुख्य शिक्षाएँ क्या हैं?


उत्तर- (1) त्रिरत्न (सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान, सम्यक् चरित्र), (2) पाँच अणुव्रत या महाव्रत (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपिरग्रह, ब्रह्मचर्य)   (3) सात शील  व्रत   (4) अनेकान्तवाद अथवा स्यादवाद, (5) तपस्या और उपवास।


प्रश्न 134. अंग महाजनपद की राजधानी कहाँ पर थी ?


उत्तर- अंगमहाजनपद की राजधानी चम्पा थी जो चम्पा और गंगा के संगम पर बसी हुई थी।


प्रश्न 135. परिसा से क्या आशय था ?


उत्तर- परिसा गणराज्य की मुख्य संस्था होती थी। यह वर्तमान लोकसभा के सदृश थी।


प्रश्न 136. कहाँ एवं किस शासक के समय में द्वितीय बौद्ध संगीति हुई थी ?


उत्तर- वैशाली में कालाशोक के समय में द्वितीय बौद्ध संगीति हुई थी। 


प्रश्न 137. बौद्ध समितियाँ किस उद्देश्य से बुलाई जाती थीं ?


उत्तर- महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं को संग्रहित करने, बौद्ध संघ की व्यवस्था करने तथा बी के पारस्परिक मतभेदों को दूर करने के उद्देश्य से बौद्ध समितियाँ बुलाई जाती थे।


प्रश्न 138. बौद्ध धर्म के त्रिरत्न बताइए। किस अभिलेख में इनका उल्लेख हुआ है?


उत्तर- बौद्ध धर्म के त्रिरत्न हैं- (1) बुद्ध, (2) धर्म, (3) संघ। बौद्ध धर्म के त्रिसनों का उल्लेख अशोक के भाबू अभिलेख में हुआ है।


प्रश्न 139. अष्टांगिक मार्ग क्या है?


उत्तर- दुःख का निवारण करने के लिए महात्मा बुद्ध ने आठ उपाय बताए हैं जिन्हें अष्टांगिक मार्ग के नाम से पुकारा जाता है। अष्टांगिक मार्ग का अनुसरण करते हुए निर्वाण प्राप्त किया जा सकता है।


प्रश्न 140. अष्टांग मार्ग के नाम बताइए।


उत्तर- अष्टांग मार्ग के आठ अंग (1) सम्यक् दृष्टि, (2) सम्यक् संकल्प, (3) सम्यक् वाणी, (4) सम्यक् कर्मान्त, (5) सम्यक् आजीव, (6) सम्यक् प्रयाल, (7) सम्यक् स्मृति, तथा (8) सम्यक् समाधि हैं।


प्रश्न 141. महात्मा बुद्ध के समसामयिक मगध के दो शासकों के नाम बताइए।


उत्तर- (1) बिम्बिसार, (2) अजातशत्रु ।


प्रश्न 142. प्राचीन भारत में गणराज्यों के पतन के लिए उत्तरदायी दो कारण लिखिए।


उत्तर- (1) गणराज्यों में आपसी एकता का अभाव था। उनमें आपसी ईर्ष्या-द्वेष रहता था। (2) गुटबन्दी के कारण विभिन्न दलों के नेता गणराज्यों के हितों की उपेक्षा करते थे और अपने व्यक्तिगत हित्तों की पूर्ति में लगे रहते थे।


प्रश्न 143. छठी शताब्दी ई. पूर्व में वत्स की राजधानी क्या थी ?


उत्तर- छठी शताब्दी ई. पूर्व में वत्स की राजधानी कौशाम्बी थी।


प्रश्न 144. महाजनपदों का उल्लेख किस बौद्ध ग्रन्थ में मिलता है ?

...................अथवा............


कौन से बौद्ध ग्रन्थ में सोलह महाजनपदों की सूची मिलती है?


उत्तर- अंगुत्तरनिकाय नामक बौद्ध ग्रन्थ में।


प्रश्न 145. राजस्थान में कौनसा महाजनपद स्थित था? इसकी राजधानी कौनसी थी ?


उत्तर- राजस्थान में मत्स्य महाजनपद स्थित था। इसकी राजधानी विराटनगर थी।


प्रश्न 146. बुद्धकालीन प्रमुख राजतंत्र । उत्तर- अंग, मगध, काशी, कोशल, वत्स, मत्स्य, शूरसेन, अवन्ति, गान्धार, चेदि, अश्मक


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Study World: B.A History Notes in Hindi

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B.A. History Notes 1st Year Rajsthan University Unit 1


 प्रश्न 1. सिन्धु घाटी सभ्यता को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है?


उत्तर- सिन्धु घाटी सभ्यता को 'हड़प्पा संस्कृति' के नाम से भी जाना जाता है।


प्रश्न 2. हड़प्पा सभ्यता का भौगोलिक क्षेत्र बताइए।


उत्तर- हड़प्पा सभ्यता का विस्तार पूर्व से पश्चिम में 1,600 किलोमीटर तथा उत्त से दक्षिण में 1,100 किलोमीटर क्षेत्र में था।


प्रश्न 3. मुर्दों का टीला किस स्थान को कहा जाता है?


उत्तर- मुर्दों का टीला मोहनजोदड़ो को कहा जाता है।


प्रश्न 4. वेद शब्द का क्या अर्थ है ?


उत्तर- 'वेद' शब्द संस्कृत भाषा के 'विद' शब्द से बना है, जिसका अर्थ है 'ज्ञान होना'। यह विद् धातु से बना है तथा इसका अर्थ है- जानना।


प्रश्न 5. पंचम वेद किसे माना जाता है?


उत्तर- पंचम वेद 'महाभारत' को माना जाता है।


प्रश्न 6. श्रुति।


उत्तर- वेदों का पठन-पाठन मौखिक रूप में होता था। शिष्य को इनका ज्ञान सुनकर होता


था, अतः उन्हें 'श्रुति' कहा गया।


प्रश्न 7. स्वामी दयानन्द सरस्वती ने आर्यों का मूल निवास स्थान क्या बताया है?


उत्तर- स्वामी दयानन्द सरस्वती ने आर्यों का मूल निवास स्थान तिब्बत प्रदेश बताया है।


प्रश्न 8. हर्षचरित की रचना किसने की थी ?


उत्तर- हर्षचरित की रचना महाकवि बाण ने की थी। बाण की दूसरी कृति कादम्बिनी भी प्रसिद्ध है।


प्रश्न 9. सारनाथ।


उत्तर- अशोक द्वारा निर्मित स्तूपों में सारनाथ का पाषाण स्तम्भ प्रसिद्ध है। इसके ऊपर चार शेरों की मूर्तियाँ बनी हुई है।


 प्रश्न 10. पुरातात्विक स्रोत ।


उत्तर- इतिहास के निर्माण में पुरातात्विक स्रोतों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। पुरातात्विक  स्रोतों काफी प्रामाणिक होते हैं। पुरातत्व सामग्री है- (1) अभिलेख, (३) सिक्के, (iii) मुहरें, (iv) कलाकृतियाँ, (v) स्मारक, (vi) मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि।


प्रश्न 11. स्रोत।


उत्तर- स्रोत से अभिप्राय उन साधनों से है जो प्राचीन इतिहास को जानने में सहायता देते हैं। सोतों का अध्ययन करके ही हम प्रामाणिक इतिहास की सामग्री को जुटा पाते हैं।


प्रश्न 12. स्त्रोत इतिहास लिखने में कैसे सहायक होते हैं? कतिपय उदाहरण दीजिए।


उत्तर- स्रोतों की सहायता से ही प्राचीन इतिहास लिखा जा सकता है क्योंकि इन स्रोतों से प्राचीन इतिहास की अनेक विस्मृत घटनाओं की जानकारी प्राप्त होती है। जैसे अशोक के अभिलेखों से उसके 'धम्म' की जानकारी प्राप्त होती है।


प्रश्न 13. हिस्टोरिका


उत्तर- 'हिस्टोरिका' नामक पुस्तक यूनानी लेखक हेरोडोटस ने पाँचवीं सदी ई. पू. में लिखी थी। इस पुस्तक से पश्चिमोत्तर भारत की राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलती है।


प्रश्न 14. तारानाथ।


उत्तर- तिब्बती इतिहासकार लामा तारानाथ के वर्णन से गुंग राजवंश पर जानकारी प्राप्त होता है। तारानाथ ने 'कंग्यूर' और 'संग्पूर' नामक दो ग्रन्थों की रचना की।


प्रश्न 15. अभिलेखों के किन्हीं चार वर्ग (प्रकार) का नामोल्लेख कीजिए। उत्तर- अभिलेखों के चार वर्ग हैं- गुहा-लेख, शिलालेख, स्तम्भ-लेख, तथा ताम्रपत्र लेख।


प्रश्न 16. प्राचीनकाल में भारत आने वाले चीनी यात्रियों के नाम लिखिए।


उत्तर- प्राचीनकाल में भारत आने वाले चीनी यात्रियों में फाह्यान, हेनसांग व इत्सिंग का


नाम प्रमुख है।


प्रश्न 17. 'डेनसांग'।


उत्तर- 'डेनसांग' एक चीनी यात्री एवं लेखक था जो हर्षवर्धन के समय में भारत आया। उसने भारत के सुदूर दक्षिण के भाग को छोड़कर शेष प्रत्येक भाग का विवरण अपने ग्रन्थ 'सी-यू-को' में दिया है। वह लगभग 15 वर्ष तक भारत में रहा।


प्रश्न 18. डेनसांग के यात्रा-वर्णन का ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्व बताइए।


उत्तर- डेनसांग के यात्रा-वर्णन से हर्षकालीन राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक अवस्थाओं के बारे में जानकारी मिलती है।


प्रश्न 19. प्राचीन भारत के सम्बन्ध में ऐतिहासिक जानकारी देने वाले चार यूनानी लेखकों के नाम लिखिए।


उत्तर- मेगस्थनीज, डीमेकस, स्ट्रेंबो, प्लिनी, एरियन, पेट्रोक्लीज आदि।


प्रश्न 20. 'उपनिषद्' शब्द का अर्थ बताइए।


उत्तर- उपनिषद शब्द से तात्पर्य अध्यात्म विद्या या ब्रह्म विद्या से है। उपनिषद गुरु से मिला रहस्य।


प्रश्न 21. उपनिषद् कितने हैं? चार के नाम बताइए।


उत्तर- उपनिषदों की संख्या लगभग 108 है। ईशावास्य, केन, कठ, मुंडक आदि प्रमुख उपनिषद हैं।


प्रश्न 22. प्रमुख उपनिषदों के नाम बताइए।


उत्तर- प्रमुख उपनिषद है ईशावास्य, केन, कठ, प्रश्न, मुण्ठक, माण्डुक्य, ऐतरेय, तैओिर स्वेताश्वर, छान्दोग्य, बृहदारण्यक एवं कौषितकी।


प्रश्न 23. उपनिषदों में कौन-कौन से विषयों का वर्णन किया गया है?


उत्तर- उपनिषदों में ब्रह्मा, आत्मा, मोक्ष, सृष्टि, जन्म मरण आदि विषयों का वर्णन किया गग्या है।


प्रश्न 24. उपनिषदों का ऐतिहासिक महत्त्व बताइए।


उत्तर- उपनिषदों में हमें आयों के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनीतिक जीवन के बारे में जानकारी मिलती है।


प्रश्न 25. पुराण कितने हैं? इनमें से किन्हीं चार के नाम लिखिए।


उत्तर- पुराणों की संख्या 18 है। चार प्रमुख पुराणों के नाम हैं (1) विष्णु पुराण, (2) नारद पुराण, (3) भागवत पुराण, तथा (4) बराह पुराण।


प्रश्न 26. संहिता किसे कहते हैं? उनके नाम लिखिए।


उत्तर संहिता वेदों को कहते हैं। उनके नाम हैं ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद एवं अथर्ववेद।


प्रश्न 27. आहत सिक्के या आहत मुद्राएँ।


उत्तर- भारत के प्राचीनतम सिक्के आहत या पंचमार्क सिक्के कहलाते हैं। ये अधिकांशतः चाँदी के टुकड़े हैं जिन पर विविध आकृतियाँ उत्कीर्ण हैं।


प्रश्न 28. प्रमुख संस्कृत बौद्ध ग्रंथों के नाम लिखिए।


उत्तर- महावस्तु, ललित विस्तार, दिव्यावदान, आर्यमंजुश्रीमूलकल्प, बुद्धचरित, सौदरानन्द ।


प्रश्न 29. न्यूमिसमेटिक्स व एपिग्राफी क्या हैं?


उत्तर- न्यूमिसमेटिक्स को मुद्राशास्त्र कहा जाता है। एपिग्राफी को पुरालेख कहा जाता है। न्यूमिसमेटिक्स व एपिग्राफी से प्राचीन इतिहास जानने में मदद मिलती है।


प्रश्न 30. 'पृथ्वीराज रासो' के बारे में आप क्या जानते हैं ?


उत्तर- चन्दबरदाई द्वारा रचित यह ग्रन्थ दिल्ली तथा अजमेर के राजा पृथ्वीराज के शासनकाल की घटनाओं का उल्लेख करता है।


प्रश्न 31. बिजौलिया शिलालेख का क्या महत्त्व है?


उत्तर- बिजौलिया शिलालेख (1170 ई.) से सांभर और अजमेर के चौहान वंश के शासकों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी मिलती है।


प्रश्न 32. त्रिपिटक क्या हैं? उनके नाम लिखिए।


उत्तर- बौद्धों के धार्मिक सिद्धान्त मुख्यतः त्रिपिटक ग्रन्थों में संग्रहित हैं। ये तीन हैं


विनयपिटक, सुत्तपिटक और अभिधम्मपिटक। प्रश्न 33. 'त्रिपिटक' के नाम व उनके विषय के बारे में बताइए।


उत्तर- (1) विनयपिटक में बौद्ध भिक्षु भिक्षुणियों के संघ तथा उनके दैनिक जीवन सम्बन्धो आचार विचार, (2) सुत्तपिटक में बौद्ध धर्म के उपदेश, सिद्धान्त आदि का विवेचन, (3) अभिधम्मपिटक में बौद्ध धर्म के सिद्धान्तों और दर्शन को विवेचना है।


प्रश्न 34. मिलिन्दपन्हो के बारे में आप क्या जानते हैं?


उत्तर- बौद्ध साहित्य एवं दर्शन के इतिहास को जानने के लिए मिलिन्दपन्हों एक अत्यन्त हो महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसको रचना नागसेन ने की।


प्रश्न 35. वेद क्या है? वेदों के प्रकार बताते हुए उनके नाम लिखिए।


उत्तर- वेद आर्यों के वैदिक साहित्य के नादिग्रन्थ हैं। इन्हें' श्रुति' भी कहा जाना है। वेदों के चार प्रकार हैं (1) ऋग्वेद, 2) सामवेद, (3) यजुर्वेद एवं (4) अथर्ववेद।


प्रश्न 36. ब्राह्मण धर्म के प्रमुख ग्रन्थों के नाम लिखिए।


उत्तर- वेद, ब्राह्मण, आख्यक, उपनिषद, वेदांग, सूत्रग्रन्थ, स्मृतियाँ, महाकाव्य और पुराण ब्राह्मण धर्म के प्रमुख ग्रन्थ हैं।


प्रश्न 37. वेदांग कितने हैं? उनके नाम लिखिए।


 वेदांग छः हैं- (1) शिक्षा, (2) कल्प, (3) व्याकरण, (4) निरुक्त, (5) छन्द एवं (6) ज्योतिष




प्रश्न 38.  किस प्राचीन भारतीय ग्रंथ को 'शतसाहस्त्री संहिता' कहा जाता है?


उत्तर- महाभारत को 'शतसहस्त्री संहिता' कहा जाता है।


प्रश्न 39. जातक ग्रन्थों के ऐतिहासिक महत्व की व्याख्या कीजिए।


उत्तर- जातक ग्रन्थों में महात्मा बुद्ध के पूर्व जन्म की कहानियाँ दी गई हैं। इनसे बौद्धकालीन भारत की सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक दशा की जानकारी मिलती है।


प्रश्न 40. अर्थशास्त्र का ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्व बताइए।


उत्तर- 'अर्थशास्त्र' के रचयिता कौटिल्य अथवा चाणक्य थे। इस ग्रन्थ में मौर्यकालीन शासन-व्यवस्था, सामाजिक अवस्था, आर्थिक अवस्था एवं धार्मिक अवस्था के बारे में जानकारी मिलती है।


प्रश्न 41. मेगस्थनीज कौन था ?


उत्तर- मेगस्थनीज यूनानी शासक सेल्यूकस के राजदूत के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था। उसने 'इण्डिका' नामक पुस्तक लिखी। इससे चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन प्रबन्ध के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होती है।


प्रश्न 42. 'इन्दिका' लिखी गयी? या इण्डिका।


उत्तर- 'इण्डिका' नामक पुस्तक की रचना मेगस्थनीज ने की थी। यह पुस्तक मौर्यकालीन


इतिहास जानने का प्रमुख स्रोत है।


प्रश्न 43.  राजतरंगिणी के रचयिता कौन थे? इसकी क्या महत्ता है ?


उत्तर कल्हण, राजतरंगिणी के रचयिता थे। बारहवीं शताब्दी में रचित इस ग्रन्थ से काश्मीर के  इतिहास के विषय में पर्याप्त जानकारी प्राप्त होती है, साथ ही अन्य स्थानों के इतिहास पर भी प्रकाश पड़ता है।


प्रश्न 44. अलबरुनी। उत्तर- अलबरुनी एक मुस्लिम यात्री था जिसने 1030 ई. में 'तहकीक एं-हिन्द' नामक पुस्तक लिखी। इस पुस्तक में उसने हिन्दुओं के धार्मिक विश्वासों और रीति-रिवाजों का विस्तार से वर्णन किया है।


प्रश्न 45. 'गाथासप्तशती'।


उत्तर- 'गाथासप्तशती' नामक ग्रन्थ की रचना सातवाहन राजा हाल ने की थी।


प्रश्न 46. पूर्व-पाषाणकाल के प्रारम्भिक हथियार किस प्रकार के थे?


उत्तर- पूर्व-पाषाणकाल के प्रारम्भिक हथियार पाषाणनिर्मित थे। ये औजार भद्दे और भाँडे थे।


प्रश्न 47. मध्य-पाषाणकाल के औजार किस आकार के थे? इन्हें किस नाम से जाना जाता है?


उत्तर- मध्य-पाषाणकाल के औजार बहुत छोटे आकार के थे जो प्रायः 1/2" से 3/4" तक होते थे। अत्यधिक छोटे होने के कारण ये औजार 'लघु पाषाण उपकरण' या माइक्रोलिथ के नाम से जाने जाते हैं।


प्रश्न 48. मध्य-पाषाणकाल के किन्हीं चार औजारों के नाम एवं इनका प्रयोजन लिखिए।


उत्तर- (1) स्क्रेपर इसका प्रयोग खाल को खुरचने के लिए किया जाता था। (2) डिस्क ये मार करने के काम में आते थे। (3) ब्लेड इनसे तीरों की पैनी नोंक बनाई जाती थी। (4) लूनेट ये काटने के काम आते थे।


प्रश्न 49. लघु पाषाण उपकरण (माइकोलिथ) (Microlith)।


उत्तर- ये औजार बहुत छोटे आकार के हैं। अत्यधिक छोटे होने के कारण ये उपकरण 'माइक्रोलिथ' के नाम से जाने जाते हैं। माइक्रोलिथ उपकरणों में ब्लेड, प्वाइन्ट, स्क्रेपर, इन्नोवर, ट्रायंगल, क्रेसेण्ट, ट्रैपेज आदि आते हैं।


प्रश्न 50. शैलाश्रय (पत्थर आश्रय) ।


उत्तर- वर्षा और वायु के सामूहिक प्रभाव से पर्वतमालाएँ अनेक स्थलों से कट जाती हैं और उनके बीच कन्दराएँ बन जाती हैं। प्राचीन मनुष्यों ने नैसर्गिक रूप से बनी इन्हीं कन्दराओं को अपना आवास बनाया, जिन्हें शैलाश्रय कहते हैं। इन्हीं शैलाश्रय की दीवारों पर की गई चित्रकारी को शैल चित्र (Rock Art) कहते हैं।


प्रश्न 51. भारत में शैल कला।


उत्तर- भारत में विन्ध्याचल की पहाड़ियों में भीमबेटका कन्दरा शैल कला का सबसे बड़ा केन्द्र है। इसके अतिरिक्त होशंगाबाद, पंचमढ़ी, सिंघनपुर, कबरा पहाड़, सोनघाटी, मानिकपुर आदि स्थलों की गुफाओं में अनेक शैल चित्र मिले हैं।


प्रश्न 52. भीमबेटका के बारे में आप क्या जानते हैं?


उत्तर- विन्ध्यांचल की पहाड़ियों में भीमबेटका में कन्दरा-चित्रकला का सबसे बड़ा भण्डार मिला है। यहाँ की लगभग 500 गुफाओं में तत्कालीन युग के लोगों द्वारा अंकित किए गए हजारों चित्र प्राप्त हुए हैं। उसमें मानव जीवन के प्रायः सभी पक्षों को चित्रित किया गया है।


प्रश्न 53. नवपाषाणकालीन औजारों की विशेषताएँ बताइए।


उत्तर- नवपाषाणकालीन औजार गहरे हरे रंग के ट्रेप के हैं। ये औजार चिकने और चमकदार थे। इन औजारों एवं हथियारों पर या तो सम्पूर्ण भाग पर पालिश है या कम से कम ऊपर या नीचे के सिरों पर पालिश है।


प्रश्न 54. नवपाषाणकालीन संस्कृति के प्रमुख केन्द्रों के नाम बताइए।


उत्तर- उत्तरप्रदेश की टोंस नदी, बेलारी, ब्रह्मगिरी, बुर्जहोम, गुफकराल, असम, छोटा नागपुर, बिहार, इलाहाबाद, मिर्जापुर। प्रश्न 55. बोस्त्रोफेदन।


उत्तर- सिन्धु सभ्यता की लिपि पहली पंक्ति में दाहिनी ओर से बांयी ओर लिखी जाती थी तथा दूसरी पंक्ति बांयी ओर से लिखी जाती थी। इस प्रकार की लिखावट को बोस्त्रोफेदन कहा जाता है।


प्रश्न 56. हड़प्पा नगर की दो विशेषताएँ बताइए।


उत्तर- (1) सड़कें पूर्व से पश्चिम की ओर तथा उत्तर से दक्षिण की ओर जाती थीं जो एक दूसरे को समकोण पर काटती थी तथा पर्याप्त चौड़ी होती थीं (2) नगरों का निर्माण एक निश्चित योजना अनुसार किया गया था।



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